तुलाबुग़ा
तुलाबुग़ा, तालुबुग़ा या तेलुबुग़ा (मंगोल: Тулабуга; अंग्रेजी: Tulabuga; देहांत: १२९०-१२९१ ई) सुनहरा उर्दू नामक मंगोल ख़ानत का सन् १२८७ ईसवी से लेकर १२९१ ईसवी तक ख़ान था। वह तरतू का पुत्र और सुनहरे उर्दू साम्राज्य के संस्थापक बातु ख़ान का पोता था। १२५७ में उसने मशहूर मंगोल सिपहसालार बुरूनदाई के नेतृत्व में लिथुआनिया पर हमले में भाग लिया। १२८४-८५ में उसने नोगाई ख़ान के साथ हंगरी पर दूसरे आक्रमण का और १२८७ में पोलैंड पर तीसरे आक्रमण का नेतृत्व किया। १२८७ में नोगाई ख़ान की मदद से वह सुनहरे उर्दू का ख़ान बना लेकिन ४ साल बाद नोगाई ख़ान के ही कारण उसे हटाकर तोख़्ता को ख़ान बनाया गया। तोख़्ता ने १२९० या १२९१ में उसे मरवा दिया।[1]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ The Devil's Horsemen: The Mongol Invasion of Europe, James Chambers, Book Sales, 2003, ISBN 978-0-7858-1567-9