तेजस्विनी सावंत
इस लेख में अन्य लेखों की कड़ियाँ कम हैं, अतः यह ज्ञानकोश में उपयुक्त रूप से संबद्ध नहीं है। (जनवरी 2017) |
विश्व निशानेबाजी प्रतियोगिता जीतने वाली प्रथम भारतीय महिला जिन्होंने म्युनिख में आयोजित विश्व निशानेबाजी प्रतियोगिता २०१० के 50 मीटर की स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर यह उपलब्धि प्राप्त की।
जीवन वृत्त
संपादित करेंउनका जन्म महाराष्ट्र के कोल्हापूर में हुआ था। उन्हें राइफल खरीदने के लिए भी कर्ज लेना पड़ा था। गरीबी का आलम यह था कि एक समय उन्होंरने निशानेबाजी छोड़ देने का मन बना लिया था। वे किसी निजी कंपनी में नौकरी कर परिवार वालों के साथ घर का बोझ बांटना चाहती थीं। पर परिवार वालों, खास कर उनके पिता ने उनका मनोबल बनाए रखा। तब उन्होंने निशानेबाजी जारी रखी।
विश्व निशानेबाजी प्रतियोगिता का स्वर्ण पदक जीतने के बाद उन्होंने इसे अपने पिता को समर्पित किया।
29 साल की तेजस्विनी ने रूसी निशानेबाज मरीना बोबकोवा के 12 साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी की। इसके बाद उन्हें हथियार बनाने वाली प्रसिद्ध कंपनी वाल्दनर ने अनुबंधित कर लिया। इस तरह पैसों की उनकी किल्लत दूर होने के कुछ आसार तो बन गए हैं।
उनके पिता रवींद्र सावंत भारतीय जलसेना में अधिकारी थे। 23 फ़रवरी २०१० को उनकी मौत हो गई। उस समय तेजस्विनी कॉमनवेल्थ प्रतियोगिता में भाग लेने गई थीं। वे प्रतियोगिता छोड़ कर नहीं आ सकीं, क्योंकि फिर प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं हो पाता। उनकी मां सुनीता भी राज्य स्तर पर क्रिकेट और वॉलीबॉल खेल चुकी हैं। आज बेटी की उपलब्धि पर वह भी फूले नहीं समा रही हैं।
बाहरी कड़ियाँ
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