तैलंग से अभिप्राय उस ब्राह्मण वर्ग से है जो तेलंगाना का मूल निवासी है और जिसकी मातृभाषा तेलुगु है।[1] महाराष्ट्र में इन्हें तेलंगी ब्राह्मण नामसे पहेचाना जाता हैं। किसी जमानेमें ये महाराष्ट्रके गावों गावोंमे घूमकर घनपाठ-जटापाठ सुनाते थे।

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 1 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 जून 2015.