तोमा पिकेती (फ्रान्सीसी: Thomas Piketty; French: [tɔmɑ pikɛti]; जन्म 7 मई 1971) फ्रान्सीसी अर्थशास्त्री हैं जो एकोले देहौत्स एतोदेस साइंस शोसेल में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। वो एकोले देकोनोमी डी पेरिस में सह-अध्यक्ष भी हैं।[1] वो लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स के इंटरनेशनल इनइक्वलिटी इंस्टिट्यूट में अर्थशास्त्र के सेंटेनियल प्रोफेसर (शताब्दी आचार्य) भी हैं।

तोमा पिकेती

वर्ष 2015 में पिकेती
जन्म 7 मई 1971 (1971-05-07) (आयु 52)
क्लिसी, फ्रान्स
क्षेत्र सार्वजनिक अर्थशास्त्र, आर्थिक इतिहास
शिक्षा इकोले नॉर्मले सुप्रीयर (एमएससी)
लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स
एकोले देहौत्स एतोदेस साइंस शोसेल (संयुक्त पीएचडी)
प्रभावों साइमन कुज़्नेत्स, एडम स्मिथ, जॉन मेनार्ड कीन्स, अमर्त्य सेन, जॉन राल्स, इमाईल दुर्खीम
पुरस्कार मानद डॉक्ट्रेट, क्लारिवेट साइटेशन लौरियेट्स (2023)
जोहान्सबर्ग विश्वविद्यालय (2015)
रेक्टोरल मेडल, चिली विश्वविद्यालय (2015)
यर्जो जाह्नसन अवार्ड (2013)
फ़्रांस में सर्वश्रेष्ठ युवा अर्थशास्त्री का पुरस्कार (2002)
IDEAS/RePEc में जानकारी

पिकेती का मुख्य कार्य सार्वजनिक अर्थाशास्त्र पर है जिसमें वो मुख्यतः आय और धन संबंधी समानताओं पर काम करते हैं। वो कैपिटल इन द ट्विंटी-फर्स्ट सेंचुरी (इक्कीसवीं सदी में पूँजी) (2013) नामक पुस्तक के लेखक भी हैं।[2] उन्होंने इस पुस्तक में पिछले 250 वर्षों में धन सांद्रता संकेद्रण और वितरण पर उनके काम के विषयों पर जोर दिया है। पुस्तक के अनुसार विकसित देशों में पूंजी वापसी की दर लगातार आर्थिक विकास दर से अधिक है और इससे भविष्य में धन असमानता बढ़ेगी। पिकेती शिक्षा प्रणालियों में सुधार का प्रस्तावित करते हैं और ज्ञान, कौशल एवं उत्पादकता के विचार के प्रसार को मुख्य तंत्र मानते हैं जिससे असमानता कम होगी।[3] वर्ष 2019 में उनकी पुस्तक कैपिटल एंड आइडियोलॉजी प्रकाशित हुई जो इतिहास में विभिन्न समुदायों में आय भिन्नता पर ध्यन दिलाती है।[4] उनकी वर्ष 2022 में प्रकाशित पुस्तक ए ब्रिफ हिस्ट्री ऑफ़ इक्वलिटी अर्थशास्त्रियों के बजाय नागरिकों के लक्षित दर्शकों के लिए धन पुनर्वितरण के बारे में एक बहुत छोटी पुस्तक है।

बचपन और शिक्षा संपादित करें

पिकेती का जन्म पेरिस के बाहरी क्षेत्र क्लिसी नामक स्थान पर हुआ। उनके माता-पिता त्रोत्स्कवादी समूह में शामिल थे और पेरिस में मई 1968 के प्रदर्शनों में शामिल हुये लेकिन पिकेती के जन्म से पहले ही वो इस राजनैतिक स्थिति से बाहर आ गये। वर्ष 1991 में उनकी सोवियत संघ की यात्रा से पूंजीवाद, निजी संपत्ति और बाज़ार में उनकी धारणा स्पष्ट हो गयी।[5]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Thomas Piketty - Paris School of Economics". PSE - Ecole d'économie de Paris - Paris School of Economics. अभिगमन तिथि 16 दिसम्बर 2017.
  2. "Paris School of Economics". मूल से 9 मई 2014 को पुरालेखित.
  3. Russ Roberts (22 सितम्बर 2014). "Thomas Piketty on Inequality and Capital in the 21st Century" (पॉडकास्ट).
  4. Krugman, Paul (8 मार्च 2020). "Thomas Piketty Turns Marx on His Head". द न्यूयॉर्क टाइम्स. अभिगमन तिथि 2 फ़रवरी 2024.
  5. Chassany, Anne-Sylvaine (26 जून 2015). "Lunch with the FT: Thomas Piketty". ft.com.