त्रिस्तरीय नियम
त्रिस्तरीय नियम (law of three stages), आगस्त कॉम्त द्वारा विकसित एक विचार है जो कहता है कि प्रत्येक विज्ञान ही क्या, पूरा समाज, तीन अवस्थाओं से होकर विकसित होता है। इस सिद्धान्त का प्रतिपादन उन्होने १८२२ में प्रकाशित अपनी कृति 'सकारात्मक दर्शन का पाठ्यक्रम' (Cours de Philosophie Positive) में किया है। उनके द्वारा बताए गये तीन चरण ये हैं-
- (१) धर्मशास्त्रीय चरण (theological stage)
- (२) तत्वमीमांसीय चरण ( metaphysical stage)
- (३) सकारात्मक चरण ( positive stage)