थायमिन
थाइमिन डी एन ए के न्युक्लिक अम्ल में उपस्थित चार क्षारकों में से एक है। ये सब मिलकर ए-टी-सी-जी बनाते हैं। अन्य तीन हैं: ऐडेनिन, गुआनिन और साइटोसिन। थाइमिन सर्वदा ही अएडिनिन के संग ही जोड़ा बनाता है। थाइमिन को ५-मिथाइल-युरेसिल भी कहते हैं। जो पायरिमीडीन न्यूक्लियोक्षारक है। जैसा इसके नाम से ही विदित है, थाइमिन को यूरेसिल के मिथाइलीकरण द्वारा व्युत्पन्न किया जा सकता है। आर एन ए में थाइमिन के स्थान पर यूरेसिल प्रयुक्त होता है। डी.एन.ए. में थाइमिन दो हाइड्रोजन बंध द्वारा ऐडेनिन से जुड़ता है। इससे न्यूक्लिक अम्ल के संरचना को स्थिरता मिलती है।
थायमिन | |
---|---|
आईयूपीएसी नाम | 5-Methylpyrimidine-2,4(1H,3H)-dione |
पहचान आइडेन्टिफायर्स | |
सी.ए.एस संख्या | [65-71-4] |
MeSH | थायमिन |
SMILES | |
गुण | |
आण्विक सूत्र | C5H6N2O2 |
मोलर द्रव्यमान | 126.11334 g/mol |
गलनांक |
316 - 317 °C |
Except where noted otherwise, data are given for materials in their standard state (at 25 °C, 100 kPa) Infobox references |
थाइमिन डीऑक्सीराइबोस के संग न्यूक्लियोसाइड डीऑक्सीथाइमिडीन बनाता है। इसे भी थाइमिडीन के समानांतर ही माना जाता है। थाइमिन को एक, दो, तीन फॉस्फोरिक अम्ल समूह से फॉस्फोरिलेकरण द्वारा क्रमशः टी.एम्पी, टी.डी.पी. तथा टी.टी.पी. बनते हैं।
डी.एन.ए. की एक सामान्य मुटेशन में दो पार्श्वस्थ थाइमिन या साइटोसिन सम्मिलित होते हैं, जो पराबैंगनी किरणों में थाइमिन डाइमर बनाता है, जिससे डी.एन.ए. में बल पड़ जाते हैं। इनके कारण सामान्य प्रक्रिया बाधित होती है।
थाइमिन को कैंसर के उपचार का साधन भी बनाया जाता है। थाइमिन क्षारकों का किसी जीव की मृत्यु उपरांत बहुध्र ऑक्सीकरण होता है, जो हाइडैंटोइन बनाता है। [1].
Dr. Kailash choudhary Raw agent lodhi road New Delhi
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Hofreiter M., Serre D., Poinar H.N., Kuch M., and Paabo S. Nature Reviews Genetics (2001) 2:353.