थीन डैम परियोजना
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यह भारत की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना हैं। थीन बाँध परियोजना भारत की नदी घाटी परियोजनाओं में से एक है। पंजाब के पठानकोट ज़िले में रावी नदी पर थीन बाँध बनाया गया है। इसको 'रणजीत सागर बाँध' के नाम से भी जाना जाता है।[1]
थीन बाँध का निर्माण सन 1982 में शुरू हुआ था तथा यह 1999 में बनकर पूरा हुआ था। इस परियोजना की निम्नलिखित इकाइयाँ हैं- रणजीत सागर बाँध रणजीत सागर बाँध प्रमुख सिंचाई योजना - जम्मू रणजीत सागर बाँध प्रमुख सिंचाई योजना - पंजाब रंजीत सागर जलाशय रावी प्रमुख सिंचाई योजना ऊपरी बारी दोआब नहर विद्युत गृह 1, 2, 3 ऊपरी बारी दोआब नहर - प्रमुख सिंचाई नहर इस परियोजना से पंजाब, हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर को लाभ मिलता है। यहाँ पर 150 मेगावाट की चार विद्युत इकाइयाँ लगाई गयी हैं।
परियोजना का प्रारम्भ
संपादित करेंथीन बाँध का निर्माण रावी नदी पर हुआ है|
== स्थान == पंजाब व जम्मू कश्मीर राज्य के बोड़र पर पठानकोट ज़िला में रावी नदी पर बना बांध सन १९८२ में बनना प्रारम्भ हुआ ओर सन १९९९में बनकर तयार हुआ। इस बांध को महाराजा रंजित सिंह बाँध के नाम से भी जाना जाता हे।
== उद्देश्य ==थीन डैम मीठे पानी को बर्बाद होने से थोड़े दिन बचा लेता है। थीन डैम का कोई उद्देश नहीं है अगर कोई उद्देश होता तो पठानकोट के सारे घरों में फ्री बिजली आती इनका एक ही उदेश्य है सबकुछ निचोड़ दो अब इनकी नज़र पानी पर है क्योंकि अब बेचने वाला कुछ बचा नही जो बी है सबपे कुछ ना कुछ इन्वेस्ट करना पड़ता है लेकिन पानी तो फ्री में मिलता इनको। आज तक पता नहीं चला के जे नैचुरल सोर्स पे कब्जा कैसे करते हैं
लाभान्वित होने वाले राज्य पंजाब, हिमाचल प्रदेश,जम्मू कश्मीर
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