दक्षिण-पूर्व दिशा "दक्षिण दिशा" एवं "पूर्व दिशा" के मध्य की स्थिति होती है । इस दिशा को "अग्नेय-कोण" भी कहते हैं । हिन्दू धर्म-शास्त्रों के अनुसार यह 'अग्नि-देव' की दिशा होती है जोकि 'अग्नि तत्व' के स्वामी हैं ।