दक्षिण-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र

दक्षिण-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र भारत के सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों में से एक है जिसकी स्थापना १९८६ में नागपुर में मुख्यालय के साथ की गई थी।इसमें आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, गोवा और महाराष्ट्र शामिल हैं।इनमें से प्रत्येक राज्य में लोक, जनजातीय, ललित कला और शिल्प की समृद्ध परंपराएँ हैं।केंद्र इन परंपराओं को समृद्ध करने, बढ़ावा देने और मजबूत करने के लिए अपनी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से प्रयास करता है। यह केंद्र भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के नियंत्रण में काम कर रहा है। महाराष्ट्र के राज्यपाल को इसके अध्यक्ष बनाया जाता है।[1]

दक्षिण-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र
गठन १९८६-८७
टाइप करें क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र
मकसद शिक्षा, संरक्षण और कला और संस्कृति का संवर्धन
स्थान
वेबसाइट www.sczcc.gov.in[मृत कड़ियाँ]

भारत के अन्य क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र

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भारत के सांस्कृतिक क्षेत्र संस्कृति मंत्रालय द्वारा परिभाषित सात क्षेत्र हैं, जिसका उद्देश्य भारत के विभिन्न क्षेत्रों की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करना है।[2]

  1. "SOUTH CENTRAL ZONE CULTURAL CENTRE : ~ Website Menu Link ~ ABOUT US ~ About SCZCC ~". www.sczcc.gov.in (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2018-12-04.[मृत कड़ियाँ]
  2. "Ministry Of Culture". मूल से 2011-08-08 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-12-04.


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