सीवान, बिहार का एक प्रखण्ड।

दरौली प्रखंड सिवान जिला का हिस्सा है यह प्रखंड उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाको में फैला हुआ है । इसकी सीमा दक्षिण से यूपी से पीपा पुल के माध्यम से जुड़ी हुई है एवं पश्चिम में गुठनी प्रखंड से एवं उत्तर में मैरवा प्रखंड से उसी तरह पूर्व में रघुनाथपुर प्रखंड । दरौली प्रखंड में यूपी के सीमावर्ती इलाकों से होकर घाघरा नदी गुजरती है। दरौली में कुछ टूरिस्ट स्थान भी है जैसे दरौली घाट, द्रोणाचार्य और स्थल दोन। दरौली में कार्तिक स्नान से लेकर हिंदू धर्म के सभी रीति रिवाज यहां पर दरौली घाट पर होता है। इस इस दरौली विधानसभा के तत्कालीन विधायक सत्यदेव राम हैं। दरौली प्रखंड के कृष्णापाली पंचायत के रहने वाले हैं। दरौली में मुख्यतः धान गेहूं की खेती होती हैं । दरौली प्रखंड में हर्नाटर पंचायत, दोन पंचायत, कुंती पंचायत, दरौली पंचायत, बिलाव पंचायत , पचबेनीया पंचायत,। दरौली से होकर स्टेट हाईवे गुजरती है । दरौली का ऐतिहासिक महत्व रहा है भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में यहां के अनेकानेक सेनानियो ने अपना योगदान दिया है - रामवतार आर्य, रामचंद्र शाह इत्यादि दरौली प्रखंड मै समाज के लिए सदैव खड़े रहने वाले " स्वर्गीय दया शंकर सिंह "(शमाज सेवी) जो की " द्रोण और दरौली की परम्परा को अछूत रखने वाले दरौली घाटी के काव्य सुधा ,निर्भग ,कर्मठ , कवि और समाज सेवी के रूप में निरंतर प्रयास रत रहते थे ||" वीर कुंवर सिंह" जो कि स्वर्गीय दया शंकर सिंह के छोटे भाई हैं जो अतीत ( उप प्रमुख) थे और व्रतमान में दरौली ब्लॉक के कार्यकर्ता है ,इनके छोटे भाई "अनिल कुमार सिंह" जो की (ईंट निर्माण संगठन ,सिवान )के जिला अध्यक्ष है || "डॉ.शिवजी सिंह"(प्रधानाचार्य दिल्ली विश्वविद्यालय) जो की यू.पी.एस.सी. की परीक्षा में 183 रैंक लाकर पूरे दरौली प्रखण्ड का नाम रौशन किया || इनके परिवार के लोगो का समाज के लिए निरंतर प्रयास राहते है, उदाहरण के लिए सामाजिक कार्य, राजनीतिक कार्य, सरकारी योजनाएँ, नैतिक,आर्थिक, और जरूरतमंद लोगों की मदद इनके परिवार का स्वभाव शुरुआत से इनके रगो में है ||