दर्शन अने चिंतन
साहित्य अकादमी पुरस्कृत पुस्तक
इस लेख में अनेक समस्याएँ हैं। कृपया इसे सुधारने में मदद करें या वार्ता पृष्ठ पर इन समस्याओं पर चर्चा करें।
|
दर्शन अने चिंतन गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार पंडित सुखलाल द्वारा रचित एक दार्शनिक निबंध है जिसके लिये उन्हें सन् 1958 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]
दर्शन अने चिंतन | |
---|---|
[[चित्र:|]] दर्शन अने चिंतन | |
लेखक | पंडित सुखलाल |
देश | भारत |
भाषा | गुजराती भाषा |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |