दलपत सागर
दलपत सागर एक झील है जो जगदलपुर के भीतर स्थित है। यह छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी कृत्रिम झीलों में से एक है। वर्षा जल को जमा करने के लिए इसे ४०० से अधिक वर्ष पहले राजा दलपत देव काकतीय ने बनवाया था। इस झील के मध्य में एक द्वीप है जिस पर एक प्राचीन मंदिर स्थित है। मन्दिर, भगवान शंकर का है। वहाँ तक पहुँचने के लिए चप्पू नाव या मछली पकड़ने की नाव लेनी पड़ती है।[1] यह झील ३५० हेक्टेयर क्षेत्रफल पर फैली हुई है। यद्यपि इस झील को मुख्य रूप से वर्षाजल और फसल के लिए बनाया गया था, परन्तु वर्तमान में, यह मछलियों का एक प्रमुख स्रोत है।स्थानीय प्रशासन द्वारा इस झील का कायाकल्प कर इसे बहुत खूबसूरत बनाया गया है।रौशनी से नहाया यह दलपत सागर आज हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र है।यहां एक छोटा सा पार्क बनाया गया है जहाँ बैठने की सुविधा की गई है। दलपत सागर के इस दृश्य को देखने के लिए लोग दूर दूर से आते है। शाम के समय में दलपत सागर और भी खुबसूरत लगता है क्योंकि जब शाम होने से कुछ समय पहले सूर्य देखने लायक होता है जो की दलपत सागर को और भी मन मोहक बनाती है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "दलपत सागर जगदलपुर". मूल से 23 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अक्तूबर 2018.