ऋग्वेद संहिता में कुल दस मण्डल हैं। दशम मण्डल सबसे अर्वाचीन है। इसमें १९१ सूक्त हैं। त्रित, विमद, इन्द्र, श्रद्धा, कामायनी, इन्द्राणी, शची आदि मुख्य ऋषि हैं।

पुरुषसूक्त, नासदीय सूक्त, हिरण्यगर्भ सूक्त, संज्ञानसूक्त, विवाहसूक्त, अक्ष सूक्त आदि प्रमुख सूक्त इसी मण्दल में आते हैं।