दारानगर महाभारत का युद्ध आरंभ होनेवाला था, तभी कौरव और पांडवों के सेनापतियों ने महात्मा विदुर से प्रार्थना की कि वे उनकी पत्नियों और बच्चों को अपने आश्रम में शरण प्रदान करें। अपने आश्रम में स्थान के अभाव के कारण विदुर जी ने अपने आश्रम के निकट उन सबके लिए आवास की व्यवस्था की। आज यह स्थल 'दारानगर' के नाम से जाना जाता है। संभवत: महिलाओं की बस्ती होने के कारण इसका नाम दारानगर पड़ गया।