दिलीप बुवा (1966-1991) मुंबई का एक कुख्यात अपराधी था जो दाउद इब्राहीम के डी कंपनी के लिए काम करता था। मुंबई पुलिस ने इसे १९९१ लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स गोलीबारी में इसके अन्य अपराधी साथियों के साथ मार गिराया। शूट आउट एट लोखंडवाला (2007 फ़िल्म) इनके अपराधिक जीवन पर आधारित हैं, जिसमे तुषार कपूर दिलीप बुवा की भूमिका में हैं।[1]

माया डोलस बस लापरवाह और अभद्र बोली वाला व्यक्ति था। दिलीप बुवा निर्दयी था। डोलस के विपरीत कुछ भी बुवा के ध्यान को हटा नहीं सकता था जब उसकी उंगलियाँ ट्रिग्गर पर होती थी। वह छोटे राजन का परामर्शदाता था। सामाचार माध्यमों में उसकी गोलीबारी की खबरें डोलस को मज़ा दे रही थी। “यह बात सच्चाई से काफ़ी दूर है। डोलस परिसर के अन्दर से यूँ ही गाली-गलोच दिए जा रहा था जबकि बवा बाहर भिड़ रहा था। मैं माया डोलस के बारे में उसकी ख्याति के सिवा कुछ भी नहीं जानता। बुवा कुछ और ही था। वह दाउद इब्राहीम का बहतरीन निशानेबाज़ था। आज तक वह अपना कोई सानी नहीं रखता।”

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आफ़ताब अहमद ख़ान, शूट आउट एट लोखंडवाला के समय के प्रभारी आतंगवादविरोधी दस्ते के प्रभारी अधिकारी

सन्दर्भ संपादित करें

  1. When Bachchans and Viveik came together[मृत कड़ियाँ] - May 25, 2007, IndiaFM News Bureau
  2. "'450 rounds were fired…like bullets were doing the talking'". Indian Express. 2007-05-20. मूल से 3 जून 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-06-01.