तानरस खाँ इस घराने के प्रवर्तक माने जाते हैं। तानरस खाँ की तान बहुत मशहूर थी। इन्होंने तानों का बहुत अभ्यास किया था। इनके पुत्र उमराव खाँ हुए जिन्होंने घराने को आगे चलाया। उमराव खाँ के बाद दिल्ली घराना अधिक उन्नति नहीं कर सका और अब तो यह घराना लगभग समाप्त सा ही हो गया है।

संगीत श्री- एन.सी.इ.आर.टी.