दिल्ली दुर्गा पूजा समिति
दिल्ली दुर्गा पूजा समिति, जिसे कश्मीरी गेट दुर्गा पूजा भी कहते हैं, दिल्ली की सबसे पुरानी दुर्गा पूजा समिति है।[1] यह वर्तमान में बंगाली सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, अलीपुर रोड, दिल्ली के प्रांगण में आयोजित होती है। इसका आरम्भ १९१० में रोशनपुरा काली मन्दिर, नई सड़क में बारोवरी पूजा (सामुदायिक उत्सव) के रूप में हुआ था। तब यह नगर में बसे प्रवासी बंगाली समुदाय का प्रयास था, विशेषकर एक बंगालि डॉक्टर हेमचन्द्र सेन। कालान्तर में लाला लछ्मी नारायण सेवं उनके पुत्र लाला गिरधारी लाल के सहयोग से फतेहपुरी मस्जिद के निकट स्थित उनकी धर्मशाला में स्थान मिलने पर १९१३-१९४६ के दौरान फली फूली।[2]
धर्म संबंधी जानकारी | |
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सम्बद्धता | हिन्दू |
क्षेत्र | दिल्ली |
निर्माण वर्ष | १९१० |
वर्तमान स्थिति | जारी |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | कश्मीरी गेट, दिल्ली |
ज़िला | उत्तरी दिल्ली |
राज्य | दिल्ली |
वेबसाइट | |
http://www.ddpskgate.org/ |
१९१० से पूर्व दिल्ली में प्रथम दुर्गा पूजा के वर्णन १८४२ में राजशाही के मजूमदार के यहां, उसके बाद अगली दो पूजाएं १८७५ एवं १९०४ में आयोजित हुई थीं। हालांकि ये सभी निजी पूजाएं थीं जो बाद में बंद हो गयीं।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "How community pujas came about". India Today. September 25, 2009. मूल से 13 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 मार्च 2017.
- ↑ दिल्ली दुर्गा पूजा समिति Archived 2017-05-12 at the वेबैक मशीन-कश्मीरी गेट