दिल ने जिसे अपना कहा
दिल ने जिसे अपना कहा 2004 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसमें सलमान ख़ान, प्रीति जिंटा और भूमिका चावला मुख्य भूमिकाओं में हैं। इसे अतुल अग्निहोत्री ने निर्देशित किया है। यह फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई।[1]
दिल ने जिसे अपना कहा | |
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![]() दिल ने जिसे अपना कहा का पोस्टर | |
निर्देशक | अतुल अग्निहोत्री |
कहानी | अतुल अग्निहोत्री |
निर्माता |
सुनील मनचंदा मुकेश तलरेजा |
अभिनेता |
सलमान ख़ान, प्रीति ज़िंटा, भूमिका चावला |
संगीतकार |
ए॰ आर॰ रहमान हिमेश रेशमिया |
प्रदर्शन तिथियाँ |
10 सितंबर, 2004 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंफिल्म की शुरुआत, ऋषभ (सलमान ख़ान) और परी (प्रीति जिंटा) नामक एक युवा जोड़े से होती है। ऋषभ फिल्म विज्ञापनों के लिए एक विज्ञापन एजेंसी में काम करता है और परी एक मेहनती एवं समर्पित डॉक्टर है। वे शादी कर लेते हैं और जल्द ही परी गर्भवती हो जाती है। परी का सपना बच्चों के लिए एक अस्पताल बनाने का है। दुख की बात है कि वह आंतरिक रक्तस्राव से अपने अजन्मे बच्चे को खोने के बाद अस्पताल में ही मर जाती है। परी की आखिरी इच्छा थी कि वह अपना दिल अपनी मरीज धानी (भूमिका चावला) को दान कर दे। ऋषभ टूट जाता है और दिल को दान करने की योजना को आगे बढ़ाने से इनकार कर देता है। वह परी की आखिरी इच्छा को पूरा करता है जिसमें बच्चों के अस्पताल का निर्माण करना शामिल था। उस परियोजना को परीलोक नाम दिया जाता है। लेकिन धानी को परी का दिल लगा दिया जाता और वह ठीक हो जाती है।
इससे धानी का परिवार और उसकी दादी (हेलन) बहुत खुश होती हैं। ऋषभ अपने बहनोई, राजवीर (आसिफ़ शेख) और परियोजना समन्वयकों और वास्तुकारों की अपनी टीम की सहायता से परीलोक को विकसित करना शुरू कर देता है। जल्द ही, ऋषभ और धानी एक दूसरे से मिलते हैं। धानी उसके प्रति तुरंत आकर्षित महसूस करती है। ऋषभ नाराज हो जाता है क्योंकि वह अभी भी परी से बहुत प्यार करता है। जब तक परीलोक अस्पताल के शुरुआती कॉन्सेप्ट आते हैं, तब तक ऋषभ धानी पर भड़क जाता है। धानी को अब सच्चाई पता चल जाती है कि उसके पास परी का दिल है। जो कुछ भी परी चाहती थी और जिससे नफरत करती थी, वह सब अब उसके दिल से जुड़ा हुआ है। ऋषभ को नहीं पता कि परी का दिल धानी को दिया गया था। उसकी बहन उसे बताती है कि भगवान ने उसे धानी के माध्यम से परी को फिर से प्यार करने का मौका दिया होगा। फिल्म के अंत में दोनों एक साथ हो जाते हैं।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- सलमान ख़ान — ऋषभ माथुर
- प्रीति ज़िंटा — डा. परिणीता माथुर
- भूमिका चावला — धनिषा चक्रबर्ती उर्फ़ 'धानी'
- रति अग्निहोत्री — डा. शशि रावत
- हेलन — धानी की दादी
- रेणुका शहाणे — ऋषभ की बहन
- आसिफ़ शेख — राजवीर त्रिपाठी
- रिया सेन — कामिनी
- विजू खोटे —
- डेलनाज़ पॉल —
- बॉबी डार्लिंग —
- दिनेश हिंगू —
संगीत
संपादित करेंक्र॰ | शीर्षक | गीतकार | संगीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "दिल ने जिसे अपना कहा" | महबूब | ए॰ आर॰ रहमान | सुजाता त्रिवेदी, कमाल ख़ान | 6:18 |
2. | "बिन्दिया चमकने लगी" | समीर | हिमेश रेशमिया | अलका याज्ञिक, उदित नारायण | 6:22 |
3. | "ये दिल तो मिला है" | समीर | हिमेश रेशमिया | अलका याज्ञिक, सोनू निगम | 5:32 |
4. | "जाने बहारा" | महबूब | ए॰ आर॰ रहमान | कमाल ख़ान, साधना सरगम | 5:14 |
5. | "गो बल्ले बल्ले" | समीर | हिमेश रेशमिया | केके, अलीशा चेनॉय, जयेश गाँधी | 5:00 |
6. | "ज़िन्दगी है दुआ" | महबूब | ए॰ आर॰ रहमान | मधुश्री, पामेला जैन, गायत्री अय्यर, कार्तिक | 5:25 |
7. | "मेरी नस नस में तुम हो" | समीर | हिमेश रेशमिया | उदित नारायण, अलका याज्ञिक, जयेश गाँधी | 5:35 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "बॉलीवुड के कमाऊ सलमान खान के वो 5 साल रहे फिसड्डी, 13 फिल्मों में किया काम, इतनी हुई सुपर FLOP". Asianet News Hindi. अभिगमन तिथि 11 जनवरी 2025.