दिवाकर शर्मा (१९३३ चूरु,राजस्थान-२००९) संस्कृत, हिंदी तथा राजस्थानी भाषाओं के विद्वान थे। आपने संस्कृत की कलाधिस्नातक परीक्षा कोटा में उत्तीर्ण की थी तथा पीएच. डी. की उपाधि राजस्थान विश्वविद्यालय (जयपुर) से प्राप्त की थी। आपको साहित्य, संस्कृति तथा इतिहास का प्रतिबोधन अपने पिताश्री विद्यावाचस्पति विद्याधर शास्त्री तथा चाचाजी प्रोफेसर दशरथ शर्मा से हुआ।

राजास्थान विश्वविद्यालय्

डूंगर कॉलेज, बीकानेर में आप संस्कृत के प्राध्यापक नियुक्त हुए, इस पद से आपकी सेवा निवृत्ति १९९१ में हुई[1]। इसके पश्चात आपने संस्कृत, हिंदी तथा राजस्थानी के प्रोत्साहन हेतु स्थापित संस्था, हिंदी विश्व भारती अनुसंधान परिषद् (बीकानेर) का निर्देशन किया। परिषद् की शोध पत्रिका विश्वम्भरा के आप जीवन पर्यन्त संपादक रहे। आपके निर्देशन में अनेक संस्कृत शोधार्थियों ने पीएच. डी. की उपाधि प्राप्त की।

प्रकाशन संपादित करें

राजस्थान के संस्कृत साहित्य-सृजन में बीकानेर शेत्र का योगदान (१४७२-१९६५ ई.) आपका मुख्य प्रकाशित ग्रन्थ है। ग्रन्थ में बीकानेर शेत्र के संस्कृत साहित्य का विवेचन तथा संस्कृत साहित्य के इतिहास का वर्णन है[2]विचित्र पत्रं आपकी द्वितीय रचना है। डॉ॰ दशरथ शर्मा लेख-संग्रह एवं गिरधारीसिंह परिहार-व्यक्तित्व एवं कृतित्व आपकी सहलेखित रचनाएँ हैं। डॉ॰ दशरथ शर्मा लेख-संग्रह में डॉ॰ शर्मा द्वारा लिखित चार सौ से अधिक लेखों की सूची है[3]गिरधारीसिंह परिहार-व्यक्तित्व एवं कृतित्व में कवि की कृतियों का विवरण तथा विवेचन है[4]। इसके अतिरिक्त डॉ॰ दिवाकर शर्मा के महत्त्वपूर्ण लेख कई शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए।

संपादन संपादित करें

हिंदी विश्व भारती अनुसंधान परिषद् की त्रैमासिक शोध पत्रिका विश्वम्भरा के आप संपादक रहे। राजस्थानी ज्ञानपीठ की राजस्थानी भाषा पत्रिका राजस्थानी गंगा के संपादन कार्य से भी आप सम्बंधित रहे। वरदा,वैचारिकी तथा कला-दर्शन पत्रिकाओं के परामर्श मंडल के भी आप सदस्य रहे।

सम्मान संपादित करें

  • राजस्थान संस्कृत अकादमी (जयपुर) द्वारा विशिष्ट विद्वत सम्मान
  • राजस्थान साहित्य अकादमी (उदयपुर) द्वारा विशिष्ट साहित्यकार सम्मान[5]

राजस्थान की अनेक सांस्कृतिक और साहित्यिक संस्थाओं ने आपको सम्मान प्रदान किये।

सदस्यता संपादित करें

  • राजस्थान साहित्य अकादमी (उदयपुर) की सरस्वती तथा संचालिका के सदस्य
  • राजस्थानी भाषा एवं संस्कृत अकादमी के कोषाध्यक्ष

आप अनेक सांस्कृतिक तथा साहित्यिक संस्थाओं के सदस्य रहे।

रचनाएँ संपादित करें

  • राजस्थान के संस्कृत साहित्य-सृजन में बीकानेर शेत्र का योगदान (१४७२-१९६५ ई.), प्रकाशक: कलासन प्रकाशन, बीकानेर २००८.
  • विचित्र पत्रम
  • डॉ॰ दशरथ शर्मा लेख संग्रह (प्रथम भाग), संपादक: मनोहर शर्मा, दिवाकर शर्मा; प्रकाशक: हिंदी विश्वभारती अनुसंधान परिषद्, बीकानेर १९७७
  • गिरधारीसिंह परिहार- व्यक्तित्व एवं कृतित्व, प्रकाशक: राजस्थान ज्ञानपीठ संस्थान, बीकानेर २००१

स्तोत्र सामग्री संपादित करें

डॉ॰ दिवाकर शर्मा (संक्षिप्त परिचय) विश्वम्भरा: जुलाई-दिसम्बर '०९/२

सन्दर्भ संपादित करें

  1. सारस्वत, डॉ॰ परमानन्द (१९८४) साहित्य़स्रष्टा श्री विद्याधर शास्त्री, गनु प्रकाशन, बीकानेर पृष्ठ १०
  2. लाइब्रेरी ऑफ़ कांग्रेस संग्रह सूची
  3. शर्मा, डॉ॰ गिरिजाशंकर (२००३) हमारे पुरोधा-१९ डॉ॰ दशरथ शर्मा, राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर २००३ पृष्ठ २५ ISBN 81-88445-00-2
  4. लाइब्रेरी ऑफ़ कांग्रेस संग्रह सूची
  5. "राजस्थान साहित्य अकादमी". मूल से 28 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अक्तूबर 2013.