दीवार पत्रिका किसी संस्था विशेष रूप से एक शैक्षिक संस्थान में नोटिस बोर्ड पर एक समय अंतराल पर चलाए जाने वाली पत्रिका है, जहां छात्र और संस्था के अन्य सदस्य एक दूसरे के साथ साझा करने के लिए अपने लेख, कविताएँ, चित्र और अन्य ऐसी रचनाएँ पोस्ट कर सकते हैं। वे संदेश देने वाले कोलाज के रूप में हो सकते हैं।

बांग्लादेश में एक दीवार पत्रिका ( बंगाली में इसे दियालिका कहते हैं)

दीवार पत्रिकाएं शिक्षण संस्थानों के भीतर छात्रों को उनकी रचनात्मकता को व्यक्त करने के लिए एक माध्यम हैं। इसे नियमित अंतराल के बाद तैयार करने से विद्यार्थियों के बीच संवाद बढ़ाने के लिए एक माध्यम के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है, जिसके लिए इसे व्यापक रूप से जाना जाता है। एक खुले खंड पर कुछ विषयों पर नियमित पोस्ट द्वारा चर्चा की जा सकती है।

भाषायी कौशलों के अभ्यास के लिए विशेषकर लेखन कौशल  की दृष्टि से, दीवार पत्रिका सबसे अच्छा माध्यम है। बच्चे जितना अधिक पढ़ते और लिखते हैं, उनकी भाषा उतनी अधिक मजबूत होती है। दीवार पत्रिका के लिए रचना तैयार करते हुए बच्चे अपने चिन्तन को टूटी-फूटी भाषा में दबाब मुक्त होकर व्यक्त करते हैं जिससे उनकी भाषा मजबूत होती है। बच्चों के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।[1]विद्यालय में शिक्षण के लिए नियमित रूप से होने वाली गतिविधियों के अलावा कुछ ऐसा होना भी जरूरी है जो विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति न केवल रुचि जगाए, बल्कि उनमें ऐसे कौशल भी विकसित करे जो उनके जीवन में काम आएँ।[2]

विद्यालयों में बाल मैत्रीपूर्ण वातावरण का निर्माण तथा आनंद के साथ सीखने में दीवार पत्रिका की भूमिका महत्वपूर्ण है तथा खेल-खेल में शिक्षा की भावना को भी बल मिलता है। बहुभाषायी ज्ञान समृद्ध होता है। बच्चों की सृजनात्मक क्षमता विकास व प्रतिभा प्रदर्शन में यह एक महत्वपूर्ण उपकरण बनती है। विद्यालयों में पठन-पाठन का बड़ा ही मनमोहक वातावरण भी निर्मित होता है। न केवल विद्यार्थियों में अपितु अध्यापकों में भी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का भाव उत्पन्न होता है। दीवार पत्रिका अभियान से अभिभावकों व समुदाय को भी जोड़ा जा सकता है जिससे वि़द्यालय व समुदाय की  दूरी भी कम हो सकती है तथा संवाद का बेहतर वातावरण बनाया जा सकता है। साथ ही दीवार पत्रिका को पाठ्यक्रम से कैसे जोड़ा जाए, इस दिशा में अध्यापक काम कर सकते हैं।[3]

तकनीकी पहलू

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यह भी देखें

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  • स्कूल की पत्रिका
  • कॉलेज पत्रिका
  1. दीक्षित, प्रमोद. "दीवार पत्रिका पर एक अनुभव". www.teachersofindia.org. अभिगमन तिथि 2020-03-06.[मृत कड़ियाँ]
  2. पुनेठा, महेश. "दीवार पत्रिका : कार्यशाला के अनुभव-पहला दिन". www.teachersofindia.org. मूल से 31 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-03-06.
  3. सारस्‍वत, आकाश. "फाइल से दीवार पर". www.teachersofindia.org. मूल से 21 जुलाई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-03-08.