दुर्गा मन्दिर, दुर्गाकुण्ड
दुर्गा मंदिर काशी के पुरातन मंदिरॊ मॆ सॆ एक है। इस मंदिर का उल्लॆख " काशी खंड" मॆ भी मिलता है। यह मंदिर वाराणसी कैन्ट से लगभग 5 कि॰मी॰ की दूरी पर है। लाल पत्थरों से बने अति भव्य इस मंदिर के एक तरफ "दुर्गा कुंड" है। इस कुंड को बाद में नगर पालिका ने फुहारे में बदल दिया, जो अपनी मूल सुन्दरता को खो चुका है।
Durga Mandir दुर्गा मंदिर | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | हिन्दू धर्म |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | दुर्गा कुण्ड, भेलूपुर, बनारस |
ज़िला | बनारस |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
देश | India |
वास्तु विवरण | |
प्रकार | नागर |
निर्माता | बंगाली महारानी |
अवस्थिति ऊँचाई | 85 मी॰ (279 फीट) |
इस मंदिर में माँ दुर्गा "यंत्र" रूप में विरजमान है। इस मंदिर में बाबा भैरोनाथ, लक्ष्मीजी, सरस्वतीजी, एवं माता काली की मूर्ति रूप में अलग से मंदिर है। यहाँ मांगलिक कार्य मुंडन इत्यादि में माँ के दर्शन कॆ लिये आतॆ है। मंदिर के अंदर हवन कुंड है, जहाँ रोज हवन होते हैं। कुछ लोग यहाँ तंत्र पूजा भी करते हैं। सावन महिने में एक माह का बहुत मनमोहक मेला लगता है।एक कथा के अनुसार माँ दुर्गा दैैैैत्य संहार कर यहाँ आराम किया था ,मदिर के नजदीक आनंद पार्क है, जहाँ पर आर्य समाज का प्रथम सास्त्रार्थ काशी के विद्वानों के साथ हुआ था। कहा जाता है की इस मंदिर का निर्माण १८ वी शताब्दी में बंगाल की रानी भवानी ने करवाया था कहा जाता है की यह बीसा यंत्र स्थापित है यह पर १२ पाए विशाल मंडप बना हुआ है। देखा जाय तो कई वजह से यह मंदिर प्रसिद्ध है