दृग्विषय
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दृग्विषय या परिघटना (अंग्रेज़ी: phenomenon, बहुवचन अंग्रेज़ी: phenomena, यूनानी : phainomenon, phainein क्रिया से)[1] कोई वह चीज़ हैं जो स्वयं प्रकट होती हैं। भले सदैव नहीं, पर आम तौर पर दृग्विषयों को "चीजें जो दृष्टिगोचर होती हैं" या संवेदन-समर्थ जीवों के "अनुभव" समझे जाते हैं, या वे जो सैद्धान्तिक रूप से हो सकते हैं। यह शब्द इमानुएल काण्ट के द्वारा आधुनिक दार्शनिक प्रयोग में आया, जिन्होंने इसे मनस्विषय के विपरीत बताया। दृग्विषय के विपरीत, मनस्विषय अन्वेषण के द्वारा प्रत्यक्ष रूप से अभिगम्य नहीं हैं। काण्ट Gottfried Wilhelm Leibniz के दर्शन के इस भाग से बेहद प्रभावित थे, जिसमें, दृग्विषय और मनस्विषय पारस्पारिक तकनीकी शब्द थे।
- ↑ "Phenomenon/Phenomena". Dictionary of Visual Discourse: A Dialectical Lexicon of Terms. 2011.

A comparison between a candle flame on Earth (left) and in a microgravity environment, such as that found on the ISS (right).
The same phenomenon is observed as appearing differently.
The same phenomenon is observed as appearing differently.