देवकांत बरुआ
भारतीय राजनीतिज्ञ
देवकांत बरुआ (२२ फरवरी १९१४ - २८ जनवरी १९९६) असम राज्य के एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे, जो आपातकाल (१९७५-७७) के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। वे अपने "इन्दिरा भारत हैं, भारत इन्दिरा है" के कथन के लिए जाने जाते है और इसे इन्दिरा गांधी की चापलूसी और अतिशयोक्ति भरी तारीफ के रूप में देखा जाता है।[1]
देवकांत बरुआ | |
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जन्म |
२२ फरवरी १९१४ |
आवास | भारत |
राष्ट्रीयता | भारत |
नागरिकता | भारत |
वे पहले १ फरवरी १९७१ से ४ फरवरी १९७३ तक बिहार के राज्यपाल भी रहे।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "कांग्रेस नेताओं की चापलूसी के पांच अनोखे मामले". बी बी सी. १९ जून २०१३. मूल से 24 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १५ दिसम्बर २०१७.