देवयानी तारामंडल
देवयानी या ऐन्ड्रौमेडा एक तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है।[1] दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था। देवयानी तारामंडल खगोलीय गोले के उत्तरी भाग में स्थित है। एण्ड्रोमेडा आकाशगंगा भी आकाश में इसी तारामंडल के क्षेत्र में नज़र आती है।
अन्य भाषाओं में
संपादित करेंअंग्रेज़ी में देवयानी तारामंडल को "ऐन्ड्रौमेडा कॉन्स्टॅलेशन" (Andromeda constellation) कहा जाता है। पुराने यूनानी मिथ्या-ग्रंथों में "ऐन्ड्रौमेडा" एक राजकुमारी थी जिसे एक जल-दानव का ग्रास बनाने के लिए समुद्र के किनारे एक चट्टान से बांध दिया गया था। काफ़ी भाषाओँ में इसका नाम "ज़ंजीर से बंधी स्त्री" ही है, जैसे की अरबी में "अल-मरात अल-मुसलसलाह" (المرأة المسلسلة) और लातिनी में "मुलियर कातेनाता" (Mulier Catenata)।
तारे
संपादित करेंदेवयानी तारामंडल में 65 तारे हैं जिन्हें बायर नाम दिए जा चुके हैं। इनमें से 10 के इर्द-गिर्द ग़ैर-सौरीय ग्रह परिक्रमा करते हुए पाए गए हैं। इस तारामंडल के कुछ अन्य ख़ास तारे और उनका चमकीलापन (निरपेक्ष कान्तिमान) इस प्रकार हैं -
बायर नाम | चमक (मैग्नी॰) (सापेक्ष कान्तिमान) |
पृथ्वी से दूरी (प्र॰व॰) |
अन्य नाम | नाम का अर्थ | अन्य टिपण्णी |
---|---|---|---|---|---|
α And | 2.06m | 98 | ऐल्फ़ॅरैट्ज़ (Alpheratz) | घोड़े की नाभि ("सुर्रत अल-फ़रस", अरबी) | देवयानी तारामंडल का सब से रोशन तारा; भारतीय खगोलशास्त्र में "पूर्वभाद्र नक्षत्र" का भाग |
β And | 2.1m | 200 | मिराक (Mirach) | कमरबंद (अरबी के "मिरज़" से) | |
γ And | 4.84 | 365 | अल्माक (Almach) | स्याहगोष (एक जानवर) | यह वास्तव में एक चार तारों का बहु तारा मंडल है |
δ And | 3.28 | 101 | यह वास्तव में एक द्वितारा है | ||
ι And | 4.29 | 503 | यह एक B श्रेणी का मुख्य अनुक्रम तारा है | ||
υ And | 4.09 | 44 | यह एक द्वितारा है, जिसके मुख्य तारे का एक चार ग्रहों वाला ग्रहीय मण्डल है | ||
ξ And | 4.875 | 196 | अदिल (Adhil) | दम (अरबी के "अद-देयल" से) | यह एक द्वितारा है |
n And | 25.4 लाख | एण्ड्रोमेडा आकाशगंगा | यह तारा नहीं बल्कि एक सर्पिल आकाशगंगा है |
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ K.D. Abhyankar. "Astrophysics: Stars and Galaxies". Universities Press, 2002. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788173713811.