देवेन्द्र स्वरूप (जन्म: 30 मार्च 1926 - निधन : 14 जनवरी, 2019, दिल्ली) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक, पाञ्चजन्य (पत्र) के पूर्व सम्पादक, भारतीय इतिहास तथा संस्कृति के गहन अध्येता है। 88 वर्ष की आयु में वे आज भी पूर्ण रूप से सक्रिय रहते हुए राष्ट्रवादी पत्रकारिता के लिये समर्पित हैं। जीवन में सादगी और विचारधारा से क्रान्तिकारी सोच के कारण उन्हें मीडिया में विशेष रूप से जाना जाता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

पाञ्चजन्य, मंथन और नवभारत टाइम्स में समय-समय पर विभिन्न विषयों पर लिखे गये लेखों की पुस्तक माला का लोकार्पण भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया।

संक्षिप्त परिचय

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ब्रिटिश राज में 30 मार्च 1926 को तत्कालीन संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के मुरादाबाद जिले में काँठ नामक कस्बे में जन्मे देवेन्द्र स्वरूप के माता-पिता दोनों ही स्वतन्त्रता आन्दोलन में सक्रिय रूप से काम कर रहे थे जिसके कारण उन्हें पहले दसवीं फिर बारहवीं कक्षा में विद्यालय से निष्कासित किया गया। वकौल देवेन्द्र स्वरूप उस समय पूरे देश में स्वतन्त्रता की लहर चल रही थी अत: वे भी उसमें शामिल हो गये। लेकिन कुछ समय बाद उन्हें परीक्षा देने की अनुमति मिल गयी।[1]

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से सन् 1947 में बी॰एससी॰ किया। उसके बाद वे सन् 1947 में संघ के पूर्णकालिक प्रचारक हो गये। अगले वर्ष जब संघ पर प्रतिबन्ध लगा तो उन्हें गिरफ़्तार करके गाजीपुर जेल में रक्खा गया। 1948 में जब संघ ने प्रतिबन्ध के विरोध में सत्याग्रह शुरू किया और अटल जी भूमिगत (अण्डरग्राउण्ड) हो गये तो उन्होंने काशी से शुरू की गयी पत्रिका चेतना के सम्पादन का दायित्व सम्हाला।[2]

1961 में लखनऊ विश्वविद्यालय से इतिहास विषय में .एम॰ए॰ किया। उसके पश्चात् प्राचीन भारत में राष्ट्रीय एकता की प्रक्रिया विषय पर पीएच॰डी॰ की। सन् 1961 में उन्होंने संघ से अनुमति लेकर विवाह कर लिया और 1964 में वे दिल्ली आ गये। आजकल पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार (फेज-वन) में रह रहे हैं।[2]

1968 में पाञ्चजन्य लखनऊ से दिल्ली स्थानान्तरित हो गया। संघ के आदेश पर उन्होंने कुछ वर्षों तक पाञ्चजन्य का सम्पादन किया। अपने परिवार के साथ रहते हुए चेतना, राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य, मंथन और नवभारत टाइम्स में समय-समय पर विभिन्न विषयों पर अब भी लेख लिखते रहते हैं।[3]

पुस्तकें

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प्रभात प्रकाशन नई दिल्ली ने देवेन्द्र स्वरूप की निम्न पुस्तकें प्रकाशित की हैं:[3]

  • संघ : बीज से वृक्ष,
  • संघ : राजनीति और मीडिया,
  • अयोध्या का सच,
  • जाति-विहीन समाज का सपना।
  • सभ्यताओं के संघर्ष में भारत कहां!

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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