देहरादून की प्रमुख इमारतें

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Dehradun ghantaghar

देहरादून का मशहूर घर। ]]

वन अनुसंधान संस्थान 1906 में इंम्पीरियल फोरेस्ट इंस्टीट्यूट के रूप में स्थापित यह इंडियन काउंसिल ऑफ फोरेस्ट्री रिसर्च एंड एडूकेशन के अंतर्गत एक प्रमुख संस्थान है। इसकी शैली ग्रीक रोमन वास्तुकला है। इसका मुख्य भवन राष्ट्रीय विरासत है जिसका उद्घघाटन 1921 में हुआ था। वन क्षेत्र में अपने शोध कार्य के लिए प्रसिद्ध इस संस्थान को एशिया में अपनी तरह के एक मात्र संस्थान होने का गौरव प्राप्त है।

इंडियन मिलिटरी एकेडमी आईएमए की विशेषताओं में से एक है उसके चिटवुड भवन का स्थापत्य। १९३० में निर्मित इस भवन की डिजाइन आर टी रसेल ने तैयार की थी। यह भवन औपनिवेशिक और शुद्ध ब्रिटिश शैली का अनोखा उदाहरण है। इसके गलियारे काफी लंबे हैं और केंद्र में स्थित घंटाघर के साथ इसकी एकल छत है। ड्रिल स्क्वायर भवन के सामने है जो इसे एक तरह की पवित्रता प्रदान करने के साथ-साथ सैन्य संस्थान जैसी फिजा उपलब्ध कराता है।

घंटाघर ईट और पत्थर से बना देहारादून का घंटा घर पलटन बाज़ार आनेवाले लोगों में आकर्षण का केंद्र है। इसमें एक मुख्य सीढ़ी है, जिसके सहारे सबसे ऊपरी तल पर पहुँचा जा सकता है। इसमें अर्द्ध गोलाकार खिड़कियाँ हैं। मीनार के शिखर पर सभी 6 आकृतियों में प्रत्येक पर घड़ी रखी हुई है। लाल और पीले रंग की संरचना वाली मीनार के सभी 6 भागों पर सीमेंट की जाली सजाई गई है। सभी 6 दरवाजों के ऊपर खूबसूरत झरोखे लगे हुए हैं।

सीएनआई ब्यॉज इंटर कॉलेज ईंटों और पत्थरों की बनी इस संरचना में ईंटों का मुख्य तौर पर उपयोग किया गया है। बिल्डिंग की दीवारों को अंदर से प्लास्टर किया गया है तथा फर्श के लिए बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है।

मॉरीसन मेमोरियल चर्च राजपुर रोड पर स्थित यह इस क्षेत्र के सबसे पुराने भवनों में से एक है। चर्च के अंदर और बाहर दोनों तरफ से प्लास्टर किया गया है। मुख्य हॉल की फर्श टेराजो की बनी है। छत से लगा खूबसूरत बोर्ड बिल्डिंग की शोभा को और अधिक बढ़ा देता है। छत के रिज पर कई सारे सजावटी बोर्ड हैं जो रिज से लगे हुए हैं। इंटीरियर यानी आंतरिक भाग में उभरा हुआ छततिकोन चर्च के सौन्दर्य को और अधिक बढ़ा देता है।

इनामुल्लाह भवन यह एक संतुलित रैखिक गृह-मुख है जो माप के हिसाब से 66 फीट है। इसके केंद्र में एक बहुकोणीय आर्क गेटवे है। इसके ग्राउंड और ऊपर की मंजिल के सामने एक आर्क कोलोनाडो है। भवन के ऊपर बीच-बीच में टरेट ओरनेट पारापेट है। इस भवन का अंत दाईं ओर षडभुजाकार कक्ष के साथ होता है जो इसे सड़क के साथ इसे एक विशिष्टता प्रदान करता है। बाईं ओर अस्तित्व में नहीं है।

जामा मस्जिद देहरादून के मुख्य वाणिज्यिक क्षेत्र में स्थित यह मस्जिद इस्लामिक वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है। आकार में आयताकार यह मस्जिद पूरब की ओर मुखातिब है। सिलिंडरनुमा बांसुरी के आकार के कॉलम के साथ सजावटी फूलदार डिजाइनों से मेहराब सजा हुआ है। आर्क वाली गैलरी और केंद्रीय स्थित के साथ यह संरचना शानदार भवन निर्माण कला का एक नमूना है। मस्जिद का आंतरिक कोरीडोर गुच्छानुमा आर्क और फूलों वाली डिजाइन तथा लटकती आकृति से युक्त है। आर्क युक्त गैलरी विभिन्न रंगों में रंगी है।