दैनिक पूजा विधि जिसे नित्य पूजा भी कहा जाता है, सनातन या हिन्दू धर्म की कई उपासना पद्धतियों में से एक है। यह एक दैनिक कर्म है। विभिन्न देवताओं को प्रसन्न करने के लिये कई मन्त्र बताये गये हैं, पूजा के लिये तीन प्रकार के मंत्र बताये गये हैं - नाम मंत्र, पौराणिक मंत्र और वैदिक मंत्र

  1. नाम मंत्र : जिसमें देवता के नाम के आगे प्रणव हो और पीछे नमः लगा हो।
  2. पौराणिक मंत्र : जो मंत्र पुराणों में वर्णित हैं।
  3. वैदिक मंत्र : जो मंत्र वेदों में वर्णित हैं।

पूजा मुख्यतः छः (6) प्रकार के होते हैं -

संपादित करें
  1. पञ्चोपचार - पांच (5) उपचार पूर्वक की जाने वाली पूजा।
  2. दशोपचार : दश (10) उपचार पूर्वक की जाने वाली पूजा।
  3. षोडशोपचार : Archived 2023-12-11 at the वेबैक मशीन सोलह (16) उपचार पूर्वक की जाने वाली पूजा।
  4. द्वात्रिंशोपचार : बत्तीस (32) उपचार पूर्वक की जाने वाली पूजा।
  5. चतुष्षष्टयोपचार : चौंसठ (64) उपचार पूर्वक की जाने वाली पूजा।
  6. एकोद्वात्रिंशोपचार : एक सौ बत्तीस (132) उपचार पूर्वक की जाने वाली पूजा।

पूजा की रीति इस तरह है : पहले कोई भी देवता चुनें, जिनकी पूजा करनी है। फ़िर विधिवत निम्नलिखित नाम मन्त्रों (सभी संस्कृत में हैं) के साथ उनकी पूजा करें। मुख्य देवताओं की पूजा के नाम मंत्र इस प्रकार हैं :-

  • विनायक : ॐ सिद्धि विनायकाय नमः ।
  • सरस्वती : ॐ सरस्वत्यै नमः ।
  • लक्ष्मी : ॐ महा लक्ष्म्यै नमः ।
  • काली : ॐ कालिकायै नमः।
  • दुर्गा : ॐ दुर्गायै नमः ।
  • महाविष्णु : ॐ श्री विष्णवे नमः . or ॐ नमो नारायणाय ।
  • कृष्ण : ॐ श्री कृष्णाय नमः . or ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।
  • राम : ॐ श्री रामचन्द्राय नमः ।
  • नरसिंह : ॐ श्री नारसिंहाय नमः ।
  • शिव : ॐ शिवाय नमः या ॐ नमः शिवाय ।
  • सूर्य : ॐ सूर्याय नमः।
  • हनुमान : ॐ हनुमते नमः।
  • नवग्रह : ॐ सूर्यादि नवग्रहेभ्यो नमः।

नीचे लिखे मन्त्र गणेश के लिये हैं :

दैनिक विनायक पूजा

संपादित करें

ध्यान श्लोक

संपादित करें

शुक्लाम्बर धरं विष्णुं शशि वर्णम् चतुर्भुजम् . प्रसन्न वदनं ध्यायेत् सर्व विघ्नोपशान्तये ..

षोडशोपचार पूजन

संपादित करें

ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . ध्यायामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . आवाहयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . आसनं समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . अर्घ्यं समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पाद्यं समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . आचमनीयं समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . उप हारं समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पंचामृत स्नानं समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . वस्त्र युग्मं समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . यज्ञोपवीतं समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . आभरणानि समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . गंधं समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . अक्षतान् समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पुष्पैः पूजयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . प्रतिष्ठापयामि ॥

अथ अंग पूजा

संपादित करें

विनायक (गणेश) के पाँच नाम चुनें और ऐसा कहें : ॐ महा गणपतये नमः . पादौ पूजयामि ॥ ॐ विघ्न राजाय नमः . उदरम् पूजयामि ॥ ॐ एक दन्ताय नमः . बाहुं पूजयामि ॥ ॐ गौरी पुत्राय नमः . हृदयं पूजयामि ॥ ॐ आदि वन्दिताय नमः . शिरः पूजयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . अंग पूजां समर्पयामि ॥

अथ पत्र पूजा

संपादित करें

विनायक (गणेश) के पाँच नाम चुनें और ऐसा कहें : ॐ महा गणपतये नमः . आम्र पत्रम् समर्पयामि ॥ ॐ विघ्न राजाय नमः . केतकि पत्रम् समर्पयामि ॥ ॐ एक दन्ताय नमः . मन्दार पत्रम् समर्पयामि ॥ ॐ गौरी पुत्राय नमः . सेवन्तिका पत्रं समर्पयामि ॥ ॐ आदि वन्दिताय नमः . कमल पत्रं समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पत्र पूजां समर्पयामि ॥

अथ पुष्प पूजा

संपादित करें

विनायक (गणेश) के पाँच नाम चुनें और ऐसा कहें : ॐ महा गणपतये नमः . जाजी पुष्पं समर्पयामि ॥ ॐ विघ्न राजाय नमः . केतकी पुष्पं समर्पयामि ॥ ॐ एक दन्ताय नमः . मन्दार पुष्पं समर्पयामि ॥ ॐ गौरी पुत्राय नमः . सेवन्तिका पुष्पं समर्पयामि ॥ ॐ आदि वन्दिताय नमः . कमल पुष्पं समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पुष्प पूजां समर्पयामि ॥

अगर सम्भव हो तो गणेश के 108 नाम जपें :

ॐ सुमुखाय नमः ॥ ॐ एक दन्ताय नमः ॥ ॐ कपिलाय नमः ॥ ॐ गज कर्णकाय नमः ॥ ॐ लम्बोदराय नमः ॥ ॐ विकटाय नमः ॥ ॐ विघ्न राजाय नमः ॥ ॐ विनायकाय नमः ॥ ॐ धूम्र केतवे नमः ॥ ॐ गणाध्यक्षाय नमः ॥ ॐ भालचन्द्राय नमः ॥ ॐ गजाननाय नमः ॥ ॐ वक्रतुण्डाय नमः ॥ ॐ हेरम्बाय नमः ॥ ॐ स्कन्द पूर्वजाय नमः ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः ॥ ॐ श्री महागणपतये नमः ॥ ॐ नाम पूजां समर्पयामि ॥

उत्तर पूजा

संपादित करें

ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . धूपं आघ्रापयामि ॥ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . दीपं दर्शयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . नैवेद्यं निवेदयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . फलाष्टकं समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . ताम्बूलं समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . कर्पूर नीराजनं समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . मंगल आरतीं समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पुष्पांजलिं समर्पयामि ॥

यानि कानि च पापानि जन्मान्तर कृतानि च .

तानि तानि विनश्यन्ति प्रदक्षिणा पदे पदे ॥

प्रदक्षिणा नमस्कारान् समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . समस्त राजोपचारान् समर्पयामि ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . मंत्र पुष्पं समर्पयामि ॥

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ .

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा ॥

प्रार्थनां समर्पयामि ॥

आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनं .

पूजाविधिं न जानामि क्षमस्व पुरुषोत्तम ॥

क्षमापनं समर्पयामि ॥

विसर्जन पूजा

संपादित करें

ॐ यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।

इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च ॥ ॐ सिद्धि विनायकाय नमः ॥