दोचाला
दो-चाला, जिसे एक-ब्ंगाला भी काहा जाता है, ब्ंगाल मे एक म्ंदिर वास्तुक्ला की शैली है। म्ंदिरो मे दो
दोचाला, अथवा एक-बंगला, बंगाल के मन्दिर स्थापत्य की एक विशेष रचनाशैली है। इस शैली वाले मन्दिर में दो दिशाओं में ढ़ाल देकर छत बनायी जाती है। [1]
निर्माणकौशल
संपादित करेंकिसी आयताकार मन्दिरगृह के ऊपर त्रिभुजाकार कोण बनाकर एवं दो स्वतन्त्र ढाल वाले भाग मिलाकर इसकी छत बनायी जाती है। इस प्रकार के मन्दिर बहुत कम संख्या में हैं। पश्चिम बंगाल की तुलना में बांग्लादेश में यह शैली अधिक दृष्टिगोचर होती है। [2]
दोचाला मन्दिर
संपादित करें- हान्ड़ियाल जगन्नाथ मन्दिर
- छोट मन्दिर, गणेशचन्द्र एवेन्यू, कलकाता (१७८५)
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Amit Guha, Classification of Terracotta Temples, मूल से 31 जनवरी 2016 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 20 January 2016 नामालूम प्राचल
|आर्काइभेर-इउआरएल=
की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल|आर्काइभेर-तारिख=
की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल|इउआरएल-अवस्था=
की उपेक्षा की गयी (मदद) - ↑ http://bn.banglapedia.org/index.php?title=%E0%A6%B8%E0%A7%8D%E0%A6%A5%E0%A6%BE%E0%A6%AA%E0%A6%A4%E0%A7%8D%E0%A6%AF%E0%A6%B6%E0%A6%BF%E0%A6%B2%E0%A7%8D%E0%A6%AA