दोलनदर्शी (ऑसिलोस्कोप) एक इलेक्ट्रानिक उपकरण है जो किसी विभवान्तर को समय के सापेक्ष या किसी विभवान्तर के सापेक्ष एक ग्राफ के रूप में प्रर्दशित करता है। विभिन्न संकेतों को देखने से परिपथ के काम करने के बारे में जानकारी प्राप्त होती है और पता चलता है की कौन सा अवयव ख़राब है या काम नही कर रहा। स्कोप, इलेक्ट्रानिकी में प्रयुक्त होने वाले सर्वाधिक उपयोगी उपकरणों में से एक है। [1][2][3][4][5]

टेक्ट्रानिक्स का मॉडल 475A पोर्टेबल अनॉलॉग दोलनदर्शी जो १९७० के दशक में बहुधा प्रयुक्त होता था
आधुनिक डिजितल स्टोरेज दोलनदर्शी

प्रकार संपादित करें

दोलनदर्शी मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं-

  • (१) कैथोड किरण ट्यूब(ऋणाग्र किरण नलिका) वाले दोलनदर्शी (CRO)
  • (२) डिजिटल स्टोरेज दोलनदर्शी (DSO)

[2][3][4][5] आजकल कैथोड किरण ट्यूब वाले दोलनदर्शी प्रचलन में नहीं हैं। यूएसबी से जुड़ने वाले दोलनदर्शी नवीनतम प्रकार के दोलनदर्शी हैं।

इन्हें भी देखें संपादित करें

 
दोलनदर्शी के पर्दे पर दो संकेत (दो अलग-अलग रंगों में) दिख रहे हैं।

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Oscilloscope FAQ[मृत कड़ियाँ]
  2. "Digital Storage Oscilloscope Measurement Basics". मूल से 18 फ़रवरी 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अक्तूबर 2008.
  3. "Advanced and reliable DSO equipment". मूल से 24 अक्तूबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अक्तूबर 2008.
  4. "Oscilloscope Theory" (PDF). मूल (PDF) से 20 जून 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अक्तूबर 2008.
  5. "Using an Oscilloscope". मूल से 22 दिसंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अक्तूबर 2008.