दोहावली तुलसीदास द्वारा रचित दोहों का एक संग्रह ग्रंथ है। दोहावली में 573 दोहे संकलित हैं। इनमें से कुछ दोहे रामचरित मानस और रामाज्ञा प्रश्न आदि ग्रंथों में भी मिलते हैं। यह श्री गोस्वामी जी के भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, सदाचार, नीति का अक्षय अनुभव कोश है। भक्त-समाज में इसका बहुत आदर है।

दोहावली में अनेकानेक विषयों के स्फुट दोहे संकलित हुए हैं। इनमें से 'जातक' की अनन्य निष्ठा पर कहे गये छ्न्द सबसे अधिक मनोहर हैं। कुछ छ्न्द कवि के जीवन की अनेक घटनाओं से सम्बन्धित हैं। इनका महत्त्व कवि के प्रामाणिक जीवन वृत्त के निर्माण में बहुत अधिक है। 'कवितावली' के छ्न्दों के बाद 'दोहावली' के इन दोहों से ही कवि के जीवन-वृत निर्माण में उल्लेखनीय सहायता मिलती है।