दो दुखों का एक सुख
यह हिंदी के प्रसिद्ध कथाकार शैलेश मटियानी द्वारा 1966 में लिखी गई मैले-कुचैले भिखारियों के जीवन की विलक्षण कहानी है।[1] विषय वस्तु : एक कोढ़ी, एक अंधे और एक भिखारिन की प्रेम कहानी[2]
सन्दर्भ
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- ↑ प्रकाश, मनु (2008). Kathapurush Sailesh Matiyani. लेख प्रकाशन.
- ↑ "शैलेश मटियानी कहानियाँ-दो दुखों का एक सुख". अभिगमन तिथि 15 जून 2022.