द्वारका प्रसाद शर्मा (संवत १८७७-) हिन्दी के साहित्यकार थे। इन्हें हिंदी गद्य के विकास काल के आरंभिक लेखकों में गिना जाता है। चतुर्वेदीजी को हिंदी साहित्य जगत में महत्वपूर्ण योगदान हेतु "शर्मा" की उपाधि से सम्मानित किया गया।

उनका जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा में संवत १८७७ में हुआ था। वे बाद में इलाहाबाद में आकर बस गए थे। ये पहले सरकारी नौकरी में थे परंतु वारेन हेस्टिंग्स का जीवन चरित्र लिखने के कारण नौकरी से अलग कर दिए गए और साहित्य की ओर प्रवृत हुए। चतुर्वेदीजी ने "राघवेंद्र" मासिक पत्र भी निकल था.

इन्होंने कई महत्वपूर्ण कोशों सहित १५० से अधिक पुस्तकें लिखी जिसमें से प्रमुख हैं

  • "वारेन हेस्टिंग्स"
  • "रोबर्ट क्लाइव"
  • "रामानुजाचार्य"
  • "आल्हा"
  • "शब्दार्थ कौस्तुभ" (संस्कृत-हिंदी कोश )
  • "शब्दार्थ पारिजात" ( हिंदी-कोश)
  • "माधव मिश्र निबंधावली"
  • सुप्रसिद्ध "वाल्मीकि रामायण का हिंदी अनुवाद (१० खंड )" इत्यादि।

इनके द्वारा लिखी बाल साहित्यमाला भी बहुत लोकप्रिय हुई जिनमें २० से अधिक पुस्तकें हैं। चतुर्वेदी जी कई वर्षों तक हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रबंध मंत्री भी रहे।