सून त्ज़ू बींग्फ़ा
द आर्ट ऑफ़ वॉर (चीनी: 孫子兵法; आचार्य सून की युद्ध नीति) जिसके प्रचलित अंग्रेज़ी अनुवाद का नाम आर्ट ऑफ़ वॉर (हिन्दी: युद्ध की कला) है, प्राचीन चीन में आचार्य सून त्ज़ू द्वारा लिखित युद्धशास्त्र, युद्धनीति, युद्ध दर्शन और रणनीति के बारे में लिखी गई एक 13 अध्याय की एक किताब है। इस पुस्तक में मुख्य रूप से सेना द्वारा अपनाया जाने वाले नीति और कार्य करने का तरीका था।[1][2][3][1][4]
अनुवाद
संपादित करेंइस चीनी भाषा में लिखी गई पुस्तक का पहला अनुवाद वर्ष 1772 में फ्रांसीसी भाषा में किया गया था। उसके बाद इसे वर्ष 1905 में एक अंग्रेज़ ने अंग्रेज़ी में आंशिक रूप से अनुवाद किया था। इसके बाद वर्ष 1910 में इसे पूरी तरह से अनुवाद किया गया।
इतिहास
संपादित करेंसुन वू द्वारा पहली शताब्दी से चीनी संस्कृति में पहली बार सेना और उनसे जुड़ी जानकारी को पाठ्य के रूप में लिखा जाने लगा था। इसे बाद में वर्ष -514 से -495 के मध्य राजा हेलु द्वारा पढ़ा और समझा जाने लगा। इसी के बाद से इस पुस्तक को "युद्ध की कला" के नाम से जाना जाने लगा। इसके लेखक ने जब अपने घर के स्थान में गए तो उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने क्षमता द्वारा कई बाते लिखी, जिसमें महल की महिलाओं को भी युद्ध की कला सीखा कर और परीक्षण देकर अपनी सेना को और भी मजबूत कर सकते हैं। आदि तरीके शामिल थे, जिसे पढ़ने के बाद राजा खुश हो गए।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ McCready, Douglas. Learning from Sun Tzu, Military Review, May–June 2003.[1] Archived 2012-06-29 at आर्काइव डॉट टुडे
- ↑ Interview with Dr. William Duiker, Conversation with Sonshi Archived 2024-01-18 at the वेबैक मशीन
- ↑ Forbes, Andrew ; Henley, David (2012). The Illustrated Art of War: Sun Tzu. Chiang Mai: Cognoscenti Books. ASIN: B00B91XX8U
- ↑ Griffith, Samuel B. The Illustrated Art of War. 2005. Oxford University Press. p. 17, 141-143.