द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर
द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर: द मैकिंग एंड अनमैकिंग ऑफ मनमोहन सिंह भारतीय नीति विश्लेषक संजय बारू का एक संस्मरण है।[1] वे 2004 से अगस्त 2008 तक तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार थे। पेंगुइन इंडिया द्वारा प्रकाशित इस किताब में आरोप लगाया गया कि अपने कैबिनेट या यहां तक कि प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक सिंह के नियंत्रण में भी नहीं थे। बजाय उनके कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी के पास अत्यधिक शक्ति थी, सिंह उनके सहायक थे। "सत्ता के दो केंद्र नहीं हो सकते", बारू याद करते है, सिंह ने उन्हें समझाते हुए कहा था, "इससे भ्रम पैदा होता है"।
चित्र:The Accidental Prime Minister.jpg | |
लेखक | संजय बारू |
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विषय | राजनीति |
शैली | संस्मरण |
प्रकाशित | 20 अप्रैल 2014 (Penguin) |
प्रकाशन स्थान | भारत |
मीडिया प्रकार | सजिल्द |
पृष्ठ | 320 |
आई.एस.बी.एन | 978-0670086740 |
द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर के जारी होने के दिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक वक्तव्य जारी कर संस्मरण के दावों को नकार दिया, "पूर्व मीडिया सलाहकार द्वारा लिखी गई किताब एक विशेषाधिकृत पद का दुरुपयोग और विश्वसनीयता प्राप्त उच्च कार्यालय तक पहुंच का जाहिरा तौर पर व्यावसायिक लाभ उठाने का प्रयास है।" बारू का पीएमओ के आरोपों पर जवाब था "मैं खुश हूं।"बारू ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "अधिकांश किताब सकारात्मक है [प्रधान मंत्री के बारे में]"और उनके लिखने का मुख्या कारण ही सिंह का "उपहास का विषय बन जाना है, प्रशंसा का नहीं। मैं उन्हें एक इंसान के रूप में दिखा रहा हूं, मैं चाहता हूँ कि उसके लिए सहानुभूति हो।"
द गार्जियन के मुताबिक, "शिथिलता का इस तरह का अंतरंग चित्रण निश्चित रूप से राजनीतिक असर करेगा" खासकर तब, जब भारत में आम चुनाव होने है. मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने पुस्तक में लगे आरोपों के के आधार पर सवालों की झड़ी लगा दी ... क्या प्रधान मंत्री से उनके कैबिनेट में कौन रहेगा इसका फैसला लेने का विशेषाधिकार उनसे जब्त कर लिया गया? क्या सोनिया गांधी के इशारे पर '2 जी फेम' ए राजा को नियुक्त किया गया? क्या किताब में लगे आरोप सही है कि प्रधानमंत्री ने जानबूझकर अपने सहयोगियों के भ्रष्टाचार को नजरअंदाज किया था। क्या इस वजह से 2 जी, सीडब्ल्यूजी और कोलगेट हुआ था? चुनावों को देखते हुए भाजपा ने यह भी वादा किया था कि "हम इस देश में आकस्मिक प्रधान मंत्री नहीं देंगे।"
द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर पुस्तक का बॉलीवुड फिल्म में रूपांतरण हंसल मेहता द्वारा किया है, जिसमें अनुपम खेर सिंह की भूमिका निभाई और फिल्म 2018 प्रदर्शित हो चुकि है
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "कौन हैं संजय बारू, जिनकी 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' किताब पर बनी फिल्म से फिर गरमाई सियासत". मूल से 24 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 अगस्त 2019.
अन्यत्र पाठ
संपादित करें- Editorial. "Writing No Wrongs". The Hindu. 16 April 2014.
- Nida Najar. "A Conversation With: Author Sanjaya Baru". The New York Times. 16 April 2014.
- Siddharth Singh. "Book Review: The Accidental Prime Minister". Mint. 17 April 2014.
- Harish Khare. "Bitter Lemon". The Indian Express. 19 April 2014.
- Sushil Aaron. "Review: Sanjaya Baru's book does a favour to history, Congress". Hindustan Times. 7 May 2014
- Madhu Trehan. NL Interviews Sanjaya Baru – Part 1, Part 2. NewsLaundry. Apr 18, 2014.
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- The Accidental Prime Minister at Penguin India
- Excerpts at India Today
- Excerpt at DNA