द क्रॉस (अंग्रेज़ी: The Cross) सेंट थोमस स्क्वायर, ओवरमॉननाऊ, मॉनमाउथ, वेल्स में चौराहे के बिच सेंट थोमस द मार्टर के विपरीत व मॉननाऊ पुल के पश्चिम में स्थित है। मध्ययुगीन काल की यह वास्तु, जिसे ओवरमॉननाऊ क्रोस भी कहा जाता है, १८८८ में पुनः निर्मित किया गया था और दूसरी श्रेणी की इमारत के रूप में १५ अगस्त १९७४ में प्रमाणित किया गया।[1]

सेंट थोमस स्क्वायर राउंडाबाउट
द क्रॉस २००९ में
कलाकार एच. वाल ऑफ़ न्यूपोर्ट
वर्ष 1888 (1888)
सामग्री पत्थर
स्थान मॉनमाउथ

51°48′31″N 2°43′15″W / 51.808574°N 2.720728°W / 51.808574; -2.720728निर्देशांक: 51°48′31″N 2°43′15″W / 51.808574°N 2.720728°W / 51.808574; -2.720728

कुछ उन्नीसवी सदी के स्रोतों के अनुसार मुख्य क्रोस १०३९ में उपस्थित था। सेंट थोमस स्क्वायर को एक बाज़ार समझा जाता था पर बाद में मॉननाऊ पुल के बनने से, जिसने इस गाव को ओवरमॉननाऊ से जोड़ दिया, यह बाज़ार बंद हो गया।[2] १ अप्रैल १७६४ को एक १८ वर्षीय महिला को अपनी मालकिन को ज़हर देकर मारने के आरोप में जीवित जलाने की सज़ा सुनाई गई और इस सज़ा को क्रोस के पास ही अमल में लाया गया।[2]

जॉन स्पीड के नक़्शे में क्रोस को अपनी वर्तमान जगह पर दिखाया गया है जो १६११ में चित्रित किया गया था परन्तु १९वि सदी के अंत तक केवल पत्थर का आधार ही बच पाया था जो ग्रीन ड्रैगन सराय के मार्ग के निकट था।[2][3] १८८८ में चार्ल्स हेनरी-क्रोम्प्टन-रॉबर्ट्स ने, जो ड्रायब्रिज हाउस से थे, इस क्रोस की पुनार्निर्मिति करने का ज़िम्मा उठाया।

  1. "www.britishlistedbuildings.co.uk". मूल से 31 मई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 अप्रैल 2012.
  2. On 1 अप्रैल 1764, an 18 year old woman was condemned at Monmouth assizes to be burned to death for poisoning her mistress. The sentence was carried out close to the Cross.
  3. Keith Kissack, Monmouth and its Buildings, Logaston Press, 2003, ISBN 1-904396-01-1, p.77