धरनीदास (जन्म १६१६ ई. के आसपास -) हिन्दी के सन्त कवि थे।

इननका जन्म १६१६ ई. के आसपास मांझी गाँव, जिला सारन (बिहार), में हुआ था। आपके तीन ग्रंथ प्रसिद्ध हैं- शब्दप्रकाश, रत्नावली और प्रेमप्रगास। इलाहाबाद के बेलवेडियर प्रेस से प्रकाशित 'धरनीदास की बानी' के बहुसंख्यक पद 'शब्दप्रकाश' के ही हैं। रत्नावली में आपकी गुरुपरंपरा का वर्णन है तथा कुछ अन्य संतों का वृत्तांत दिया गया है। 'प्रेमप्रगास' प्रेमाख्यान है जिसमें मनमोहन तथा प्रानपति प्रानपती के प्रेम का वर्णन है।