धवलेराम मीणा लाला रामपुर, करौली के मूलनिवासी हैं। पद गीत में इन्होने पूर्वी पूर्वी राजस्थान के मत्स्य बेल्ट में जो मुकाम पाया हैं वो काबिले तारीफ़ हैं। इन्होने हजारो पदो को लिखा, उन्हें अपनी मण्डली को सिखाकर संगीत की इस विधा को प्रासंगिक व आकर्षित बनाये रखा। इन्होने धार्मिक विषयो के अलावा समाज में प्रचलित परम्परावो को भी निशाना बनाया , और पदो के माध्यम से दहेज़ , बाल विवाह, भेदभाव , अशिक्षा पर जमकर प्रहार किये और लोगो को इन मनोवृत्तियों से निकल बाहर आने का आव्हान किया।

धवले मत्स्य क्षेत्र के शेक्सपीयर कहे जा सकते हैं।

इनका जन्म करौली के लाला रामपुर गांव में हुआ था। इनका रुझान शुरू से ही पद गायन की तरफ बढ़ा। और इन्होने अपनी मण्डली बनाकर इनमे भाग लेना शुरू किया। ये मेडिया के नाम से जाने जाते हैं

धवलेराम के पदो की विषयवस्तु में समकालीन विषयो के अलावा सामजिक स्थिति और व्यवस्था भी शामिल होती है। धार्मिक विषय भी महत्वपूर्ण रहे।

  1. फैशन चल गो दुनिया में नौकर कू छोरी देवा को....[1]
    यह पद लोगो में वर्चस्व वाली भूमिका में बने रहने के लिए दहेज़ को साधन बनाने की मानसिकता पर प्रहार करता है
  1. "फैशन चल गो दुनिया में नौकर कू छोरी देवा को". bhaskar.com. bhaskar.com India limited. jan 23, 2012. अभिगमन तिथि 23 जनवरी 2012. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)[मृत कड़ियाँ]