धामिन
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[1] धामन साँप या इंडियन रैट स्नेक (टयास म्यूकोसस) : एक सामान्य विषहीन और डरपोक साँप है जिसकी लम्बाई तीन मीटर तक हो सकती हैं। यह साँपो के सबसे बड़े परिवार कोलुब्रीडी से ताल्लुक रखते हैं। इस प्रजाति का भौगोलिक वितरण विस्तृत क्षेत्रों में दक्षिण एशिया से लेकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों तक है। यह लगभग पूरे भारतवर्ष में पाए जाते हैं।
व्यवहार और प्रवृत्ति : शांत स्वभाव का इस साँप के आहार में मेंढक, दादुर, चूहा, चिड़िया से लेकर साँप तक शामिल है परंतु पसंदीदा भोजन चूहा ही है जो इसे रिहायशी इलाको में इसे खींच लाता है। यह साँप विषैला नहीं होता। यह मुख्य रूप से दिनचर होते हैं और खेत, बाग, जंगल, झाड़ी और पेड़ आदि पर्यावास में रहते हैं। लोग इसके आकार को देख भयवश ख़तरा समझ कर इसका बध कर देते हैं। पकड़े जाने पर यह गर्दन फुलाकर फुफकारता है। यह काफी तेज़ रेंगता है जबकि पेड़ पर चढ़ने या पानी मे तैरने में भी माहिर है। नर-नर आपस मे मादा के लिए लड़ाई करते अक्सर देखे जाते हैं।
भोजन : इसके आहार में मेंढक, दादुर, चूहा, चिड़िया से लेकर साँप तक शामिल है।
आकारिकी : यह एक बड़े आकार का सांप है जो 11 फीट और 9 इंच तक बढ़ सकता है लेकिन आमतौर पर 150-240 सेमी (8-8 फीट) की लंबाई में देखा गया है। अंडे से निकले सपोलें लगभग 30-47 सेमी के होते हैं। इसका शरीर लंबा, मध्य क्षेत्र में मोटाई लिए और पतली लंबी पूंछ होती है। इसके शरीर का रंग दक्षिण भारत में जैतूनी-भूरी, पीला, भूरा, हरा और मध्य-उत्तरी भारत में भूरा, काला या भूरे रूप में पाए जाते हैं, शरीर पर हल्के काले निशान और पीछे के शरीर और पूंछ पर काले रंग की जालीनुमा रंग के रूप में देखने को मिलते हैं। सुपष्ट सर और दुबली गर्दन, इसकी आंखें बड़ी और गोल पुतलियाँ होती हैं। इसके ऊपरी और निचले होठों पर विशिष्ट काले अनुप्रस्थ निशान होते हैं जो इसकी सही पहचान में मदद करते हैं। इसके नीचे का भाग पीला या मटमैला सफेद, धूसर या उसके बिना होता है।
शल्कों की व्यवस्था : आठ ऊपरी ओष्ठशल्क जिसका चौथा और पांचवां शल्क आंखों के संपर्क में होता जबकि आँख और नासिका छिद्र के बीच मे एक से चार शल्क होते हैं। पृष्ठीय शल्क आगे और शरीर के बगल पर चिकने होते हैं जबकि ऊपर और पीछे के तरफ अधिक खुरदरे होते हैं। शरीर के मध्य भाग पर 17 की श्रेणियों में होते हैं और गुदा द्वार के शल्क विभाजित होते हैं। गुदा भाग से लेकर पूँछ की सिरे तक के 100-146 शल्क युग्मित होते हैं (इंडियनस्नेक्स 2023)।
भौगोलिक वितरण : विस्तृत क्षेत्रों में दक्षिण एशिया से लेकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों तक है। यह लगभग पूरे भारतवर्ष में पाए जाते हैं। भारत मे वितरण : आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ , असम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, गुजरात , हरियाणा , हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल , मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र , मणिपुर, मेघालय, ओडिशा , पंजाब, राजस्थान , तमिलनाडु, तेलंगाना , सिक्किम , उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली, दिल्ली, मिजोरम , नागालैंड, चंडीगढ़, पुडुचेरी, जम्मू और कश्मीर,अंडमान और निकोबार, त्रिपुरा (इंडियनस्नेक्स 2023)।
संरक्षण की स्थिति : धामन को भारतीय वन्यजीव अधिनियम 1972 के अनुसूची चार में सूचीबद्ध किया गया है अथार्थ इसे पकड़ना, मारना या पकड़कर दिखाबा करना वन्यजीव अपराध के श्रेणी में आता है जिसके लिए सजा का प्रवधान है। इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आई०यु०सी०एन०) ने कम खतरे की क्षेणी में रखा है। ज्ञान के अभाव में लोग विषैला समझ कर इसके प्राण ले लेते हैं वहीं सड़क दुर्घटना में भी अक्सर कुचले हुए मिल जाते हैं जो कि इस प्रजाति के अस्तित्व पर ख़तरा है।
पारिस्थितिकी में महत्व और संरक्षण : खेतों में दिखने वाला यह सामान्य साँप है। यह चूहों को बृहद स्तर पर नाश करता है इसलिए इसे प्राकृतिक पीड़क नाशी कहना सही होगा क्योंकि यह हमारी फसलों को नुकसान होने बचाते हैं साथ ही यह हमारे आसपास चूहों का भक्षण कर हमें उसके द्वारा पैदा होने वाले रोगों से भी सुरक्षा प्रदान करता है। धामन कई प्रजातियों के आहार बनकर आहार जाल को संतुलित बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। किंग कोबरा का प्रमुख भोजन में धामन शामिल है।
धामन साँप से जुड़ी भ्रांतियां और उनके तथ्य :
1. दूर से देखने पर यह रंग में कोबरा से मिलता-जुलता है, लेकिन इसे नाग यानी कोबरा से इसके दुबले गर्दन और लंबी पूंछ और पीठ-पूँछ पर बने काली लकीरे और जालनुमा आकृति को देख कर इसे नाग से अलग किया जा सकता हैं !
2. लोगो का मानना है कि धामन के पूँछ में विष होता है जबकि धामन एक विषहीन सर्प है, विषैले साँपो का विष उनके सर के पास विष ग्रन्थि में होती है।
3. लोग मानते है कि धामन साँप कोबरा के साथ सहबास करते हैं जबकि धामन साँप और कोबरा (नाग, गेहूंअन साँप) दो अलग अलग प्रजाति है। कोबरा धामन को भी खा लेते हैं, इसलिए दोनो एक साथ नही रह सकते हैं, न प्रजनन कर सकते हैं ।
4. नर-नर आपस मे मादा के लिए लड़ाई करते अक्सर देखे जाते हैं जिसे लोग सहबास करते जोड़ा समझ लेते हैं।
5. धामन दुधारू पशुओं के थन से दूध पी जाते हैं जबकि मवेशियों के बाड़ा के पास चूहों अक्सर दिख जाते हैं जिनकी तालाश धामन को होती है।
अन्य तस्वीरें :
सन्दर्भ : इंडियनस्नेक्स. (2021). Indian rat snake Ptyas mucosa. 15 July 2023. http://indiansnakes.org/snakedetails/rat%20snake
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- http://indiansnakes.org/snakedetails/rat%20snake
- https://www.inaturalist.org/guide_taxa/1331771
- https://indiabiodiversity.org/species/show/257422
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