धैर्य (अंग्रेज़ी: Patience) कठिन परिस्थितियों में व्यक्ति की सहनशीलता की अवस्था है जो उसके व्यवहार को क्रोध या खीझ जैसी नकारात्मक अभिवृत्तियों से बचाती है। दीर्घकालीन समस्याओं से घिरे होने के कारण व्यक्ति जो दबाव या तनाव अनुभव करने लगता है उसको सहन कर सकने की क्षमता भी धैर्य का एक उदाहरण है। वस्तुतः धैर्य नकारात्मकता से पूर्व सहनशीलता का एक स्तर है। यह व्यक्ति की चारित्रिक दृढ़ता का परिचायक भी है।

धैर्य, हंस सिबाल्ड बेहम की नक्काशी, १५४०

वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य संपादित करें

विकासात्मक मनोविज्ञान और संज्ञानात्मक तंत्रिकाविज्ञान में धैर्य का अध्ययन निर्णयन समस्या के रूप में किया जाता है, जहाँ चयन इस बात का होता है कि व्यक्ति तात्कालिक या लघु-आवधिक तुच्छ पुरस्कार को वरीयता देता है या दीर्घकालिक अधिक मूल्यवान प्रतिदान को। विकल्प दिये जाने पर सभी प्राणियों, जिनमें सामाजिक प्राणी मनुष्य भी शामिल है, का झुकाव दीर्घावधिक लाभ के बजाय लघु-आवधिक लाभ की तरफ होता है। हालांकि यह झुकाव अक्सर दीर्घावधिक प्रतिदान के साथ जुड़े बेहतर लाभ के बावजूद होता है।[1]

धार्मिक परिप्रेक्ष्य संपादित करें

 
प्रतीक्षा गृह में लोग

सन्दर्भ संपादित करें

  1. USA. "The ecology and evolution of patience in two New World monkeys". Pubmedcentral.nih.gov. अभिगमन तिथि 2012-08-30.

इन्हें भी देखें संपादित करें

संयम
आत्मनियंत्रण

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें