धोबी भारत यह कोई जात नहीं है यह एक पेशा है जो कि मुस्लिम सिख और हिंदू सभी लोग करते हैं और हिंदुओं में बहुत सी जातियां धोबी का काम करती है वह ब्राह्मण हो छत्रिय हो यादव हो या सभी करते हैं समूह हैं जिनका मुख्य कार्य कपड़े धोने, रंगने, इस्त्री करने से संबंधित माना जाता है। इन्हें भारत के अलग-अलग राज्यों में इन्हें अलग-अलग नामों जैसे- चौहान ,, यादव , मादीवाला, अगसार, पारित, श्रीवास, दिवाकर, रजक, चकली, सिन्हा, राजाकुला, वेलुत्दार, एकली, सेठी, चौधरी, माथुर, मरेठिए या, पणिक्कर आदि अन्य कई नामों से जाना जाता है।[कृपया उद्धरण जोड़ें] हिन्दू धोबी को धोबी नाम से जाना जाता है। धोबी शब्द की व्युत्पत्ति धावन या धोने से मानी जाती है। और पिछड़ी जाति में उन्हें सम्मिलित किया गया है। २०११ की भारतीय जनगणना आँकड़ों के अनुसार धोबी जाति की कुल जनसंख्या ८,२२,००,००० होने का अनुमान है। यह बहुत ही ताकतवर चाहती है इसमें बहुत से राजा भी हुए [1][बेहतर स्रोत वांछित] रावण की मां धौबिन थी।

कपड़े इस्त्री करते हुये धोबी व्यक्ति

जनसांख्यिकीसंपादित करें

आन्ध्र प्रदेशसंपादित करें

आंध्र प्रदेश में, रजक पिछड़ा वर्ग की कुल आबादी का 12% है।

सन्दर्भसंपादित करें

  1. "Tamil Nadu Date Highlights: The Scheduled Castes Census of India 2001 (pdf)" (PDF). मूल से 22 नवंबर 2017 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 1 नवंबर 2013.