यह तीर्थ मिश्रिख से १३ किलोमीटर दूर है जो गोमती तट पर अवस्थित है। इसके सम्बद्ध गाँव का नाम राजपति भी है। पुराणों के अनुसार यहाँ स्नान से हत्या के पाप तक से मनुष्य की शुद्धि हो जाती है। भगवान की ठाकुरबाड़ी, शिव एवं हनुमान मंदिर यहाँ मान्यताप्राप्त हैं। सबसे रोचक बात ये है कि धूतपाप/ धौतपाप में यहीं गोमती से धूतपापा नामक एक नदी मिलती है जिसका उल्लेख हिसटोरिकल ज्योग्राफी ऑफ़ एन्शेंट इण्डिया ग्रन्थ के पृष्ठ ३२ पर दर्ज है[1]

  1. ऐतिहासिक नामावली: विजयेन्द्र कुमार माथुर: राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी प्रकाशन