नंदकिशोर आचार्य

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नंदकिशोर आचार्य (३१ अगस्त १९४५) हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार हैं। इनका जन्म बीकानेर में हुआ। तथागत (उपन्यास), अज्ञेय की काव्य तितीर्षा, रचना का सच और सर्जक का मन (आलोचना) देहांतर और पागलघर (नाटक), जल है जहाँ। वह एक समुद्र था, शब्द भूले हुए, आती है मृत्यु (कविता संग्रह) उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं। उन्हें राजस्थान साहित्य अकादमी के सर्वोच्च मीरा पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। [1]

इनका संबंध राजस्थान से है नंद किशोर आचार्य को हिन्दी का साहित्य अकादमी पुरस्कार भी दिये जाने का ऐलान किया गया है इनकी कविता " छीलते हुए अपने को " साहित्य अकादमी पुरस्कार(हिंदी)(2019) के लिए चुना गया है। और यह सुन्दर नाटक हस्तिनापुर के भी रचियता है।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. समकालीन भारतीय साहित्य (पत्रिका). नई दिल्ली: साहित्य अकादमी. जनवरी मार्च १९९२. पृ॰ १९०. |year= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद); |access-date= दिए जाने पर |url= भी दिया जाना चाहिए (मदद)