नक्श-ए-हयात देवबंदी विद्वान हुसैन अहमद मदनी की आत्मकथा है। उन्होंने 1953 में उर्दू भाषा में यह पुस्तक लिखी थी और यह 2 खंडों में प्रकाशित हुई थी। हालांकि यह एक जीवनी है, लेकिन उन्होंने इस पुस्तक के केवल आधे हिस्से में अपना आत्मकथा लिखा और बाकी किताब में भारत के इतिहास का वर्णन है। इस अर्थ में, यह भारत में ब्रिटिश शासन का एक ऐतिहासिक प्रमाण भी है। यह पुस्तक अंग्रेजों के भारत आने से लेकर उनके शासन और उनकी क्रूरता और विश्वासघात तक की सभी उल्लेखनीय कहानियाँ बताती है। पुस्तक भारत में अंग्रेजों के आगमन से लेकर उनके साम्राज्य के अंत तक, एक शोषणकारी नीति और ब्रिटिश साम्राज्य के धोखे की सभी उल्लेखनीय घटनाओं का एक विश्वकोश है। पुस्तक स्वाधीनता आंदोलन और भारतीय उपमहाद्वीप के राजनीतिक विचार का एक विश्वसनीय और संपूर्ण विवरण देती है। इस पुस्तक में मदनी ने ब्रिटिश लेखकों को उद्धृत किया और उनके इतिहास की विकृति पर प्रकाश डाला और सच्चे इतिहास को भी शामिल किया।[1][2][3]

नक्श-ए-हयात
लेखकहुसैन अहमद मदनी
मूल शीर्षकنقش حیات
कवर कलाकारअबू यूसुफ
भाषाउर्दू भाषा
विषयआत्मकथा
प्रकाशकमकतबे दीनिया
प्रकाशन तिथि1953
प्रकाशन स्थानभारत
मीडिया प्रकार
पृष्ठ708
ओ.सी.एल.सी644599813
  1. Choughley, Abdul Kader (2011). Islamic resurgence : Sayyid Abul Ḥasan 'Ali Nadwī and his contemporaries. New Delhi: D.K. Printworld. पपृ॰ 119–121. OCLC 697779362. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-246-0573-8.
  2. Syeda, Lubna Shireen (2014). A study of jamiat-ulama-i-hind with special reference to maulana hussain ahmad madani in freedom movement (A.D. 1919-A.D.1947). Dr. Babasaheb Ambedkar Marathwada University. पपृ॰ 100–102.
  3. Qasmi, Nayeb hasan (February 2013). Monthly Darul Uloom http://www.darululoom-deoband.com/urdu/articles/tmp/1490758604%2006-Hadhrat%20Shaikhul%20Islam_MDU_02_February_13.htm. गायब अथवा खाली |title= (मदद)