नगर रियासत
ریاست نگر
कश्मीर के महाराजा के अधीन एक स्वशासित रियासत

१४वीं सदी ईसवी – १९७४ [[गिलगित-बल्तिस्तान|]]
स्थिति नगर
स्थिति नगर
हुन्ज़ा नदी के पार नगर का दृश्य
सरकार व्यवस्था स्थानीय मीर की पूर्ण राजशाही
इतिहास
 - स्थापना १४वीं सदी ईसवी
 - 'शुमाली इलाक़े' नामक नई प्रशासनिक ईकाई में विलय १९७४

नगर रियासत या रियासत-ए-नगर (ریاست نگر‎, Nagar state) जम्मू व कश्मीर राज्य के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र की नगर वादी में एक रियासत हुआ करती थी। इसकी राजधानी नगर शहर था। नगर रियासत का राजा 'मीर' कहलाता था और वह कश्मीर के महाराजा के अधीन हुआ करता था। १९४८ में इस पूरे क्षेत्र पर पाकिस्तान का क़ब्ज़ा हो गया और यह पाक-अधिकृत कश्मीर का भाग बन गया हालांकि १९७४ तक स्थानीय मीर ही नगर वादी पर राज करता रहा। जब पाकिस्तान में ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो प्रधानमंत्रि बने तो उन्होनें १९७४ में नगर रियासत ख़त्म करके इस क्षेत्र को उस समय 'शुमाली इलाक़े' कहलाने वाली प्रशासनिक ईकाई में डाल दिया जो अब गिलगित-बल्तिस्तान कहलाती है। नगर रियासत का क्षेत्र अब गिलगित-बल्तिस्तान के हुन्ज़ा-नगर ज़िले की तीन तहसीलों में सम्मिलित है।[1]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Buroshall Say Nagar Tak ka Safar, by Muhammad Ismail Tehseen, Brushal ke Qabail by Syed Yahya Shah, books written in Urdu available in Municipal library Gilgit