नदिया के पार (१९८२ फ़िल्म)

हिन्दी भाषा में प्रदर्शित चलवित्र

नदिया के पार १९८२ में निर्मित बॉलीवुड फ़िल्म है जिसका निर्देशन गोविन्द मुनिस ने किया। यह फ़िल्म उत्तर प्रदेश में फ़िल्माई गई और इसमें मुख्य अभिनय भूमिका में सचिन, साधना सिंह, इन्द्र ठाकुर, मिताली, सविता बजाज, शीला डेविड, लीला मिश्रा और सोनी राठौड़ हैं।[2] यह केश्व प्रसाद मिश्र के हिन्दी उपन्यास कोहबर की शर्त पर आधारित फ़िल्म है। यह फ़िल्म उत्तर प्रदेश के अवध ओर पूर्वांचल क्षेत्र की स्थानीय भाषा में बनी हुई है। यह अवधी भाषा की फिल्म है। अवधि भाषा लखनऊ,अयोध्या,रायबरेली,प्रतापगढ़,सुल्तानपुर,अम्बेडकरनगर,बस्ती,बहराइच,गोंडा,बाराबंकी ओर आधे जौनपुर तक बोली जाती है फ़िल्म की शूटिंग जौनपुर में हुई थी जिस गाँव मे फ़िल्म की शूटिंग हुई थी वह ठाकुरों का गाँव था।अवधि भाषा और भोजपुरी भाषा मे कुछ शब्द समान हैं जिसके कारण लोग इसे भजपुरी फ़िल्म समझ लेते है जो पूर्णतः सही है।

नदिया के पार
निर्देशक गोविन्द मुनिस[1]
निर्माता ताराचंद बड़जात्या
अभिनेता सचिन, साधना सिंह
संगीतकार रवीन्द्र जैन
वितरक राजश्री प्रोडक्शन्स
प्रदर्शन तिथि
१९८२
देश भारत
भाषा हिन्दी (भोजपुरी/अवधी)

फ़िल्म का निर्माण राजश्री प्रोडक्शन्स के बैनर तले हुआ। इसको तेलुगु में प्रेमलयम नाम से डब किया गया। इसके बाद १९९४ में राजश्री प्रोडक्शन्स ने ही हम आपके हैं कौन शीर्षक के साथ पुनः निर्माण किया।[3]

फ़िल्म की कहानी केशव प्रसाद मिश्र के हिन्दी उपन्यास कोहबर की शर्त के पहले आधे भाग पर आधारित है। इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश में रहने वाले एक ब्राह्मण किसान को दिखाया गया है जो अपने दो भतीजों के साथ रहता है। वो बिमार हो जाता है जिसके इलाज के लिए पड़ोसी गाँव से वैद्य को बुलाया जाता है। जब किसान ठीक हो जाता है तो वैद्य को इलाज के खर्चे के बारे में पूछता है। वैद्य किसान के बड़े भतीजा से अपनी पुत्री का विवाह करने की बात कहता है। किसान तुरन्त इसके लिए सहमत हो जाता है।

ओमकार (इन्द्र ठाकुर) का विवाह वैद्य की बड़ी पुत्री रूपा (मिताली) के साथ विवाह हो जाता है और वो एक खुशी जीवन की शुरूआत करते हैं। रूपा एक बच्चे को जन्म देती है। रूपा की गर्भवती होने के दिनों उसकी छोटी बहन गुंजा (साधना सिंह) उसके साथ रहने के लिए आती है। इसी समय उसे ओमकार के छोटे भाई चन्दन (सचिन) से प्यार हो जाता है।

रूपा को जब उनके प्यार का पता चलता है तो वो उनका विवाह करवाने का वादा करती है। लेकिन एक दुर्घटना में उसकी मौत हो जाती है और उसके अलावा अन्य कोई भी परिवार का सदस्य उनके प्यार के विषय में नहीं जानता। किसान और वैद्य गुंजा का विवाह ओमकार से करवाना चाहते हैं जिससे वह अपनी बहन के बच्चे का पालान पोषण कर सके। जब विवाह के सभी अनुष्ठान चल रहे होते हैं तभी गुंजा और चन्दन के प्यार का खुलासा हो जाता है। सर्वसहमति से गुंजा और चन्दन का विवाह हो जाता है।

फ़िल्म में काफी मधुर संगीत है जिसमें कौन दिसा में लेके चला रे बटोहिया, जब तक पूरे ना हो फेरे सात, साँची कहे तोरे आवन से हमरे , गुंजा रे चंदन चंदन और जोगी जी वाह जोगी जी शामिल हैं।

  1. गुलज़ार, गोविन्द निहलनी, सैबल चटर्जी (२००३). Encyclopaedia of Hindi Cinema [हिन्दी सिनेमा का विश्वकोश] (अंग्रेज़ी भाषा में). पोपुलर प्रकाशन. p. ६७१. ISBN 9788179910665. 4 मार्च 2016 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 20 दिसंबर 2014. {{cite book}}: Check date values in: |access-date= (help)CS1 maint: multiple names: authors list (link)
  2. "Nadiya Ke Paar : Complete Cast and Crew details (नदिया के पार: पूर्ण कलाकार और क्र्यू विवरण)". मूल से से 5 जुलाई 2008 को पुरालेखित।. अभिगमन तिथि: 20 दिसंबर 2014. {{cite web}}: Check date values in: |access-date= (help)
  3. "Hum Aapke Hain Koun @ 20: Lesser Known Facts 2/5" [हम आपके हैं कौन २० की: कम जाने तथ्य २/५] (अंग्रेज़ी भाषा में). द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया. 30 नवंबर 2014 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: २० दिसम्बर २०१४. {{cite web}}: Check date values in: |archivedate= (help)

बाहरी कड़ियाँ

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