ननिबाला देवी (1888 - 1967), भारत की एक प्रसिद्ध क्रांतिकारी थीं। बीसवीं सदी के दूसरे दशक में वे कलकत्ता, चन्द्रनगरचटगाँव आदि नगरों में क्रांतिकारियों को आश्रय देने, उनके अस्त्र-शस्त्र रखने एवं गुप्तचर पुलिस को चकमा देने के कारण प्रसिद्ध हो गई थीं। बाद में वे 1917 ई. में फरार होकर पेशावर चली गई। परन्तु शीघ्र ही वहाँ वे गिरफ्तार कर ली गईं।

जीवन परिचय

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प्रसिद्ध क्रांतिकारी ननिबाला देवी का जन्म 1888 ई. में हावड़ा में हुआ था। साधारण शिक्षा घर में हुई और 11 वर्ष की उम्र में उनका विवाह कर दिया गया। किन्तु विवाह के 5 वर्ष के बाद ही वे विधवा हो गईं। अब उन्होंने अपना ध्यान अध्ययन की ओर लगाया और ईसाई मिशन के स्कूल में अंग्रेजी की शिक्षा प्राप्त की। परंतु विचार संबंधी मतभेदों के कारण उन्हें मिशन छोड़ देना पड़ा। इसके बाद वे अपने दूर के भतीजे अमरेन्द्र नाथ चट्टोपाध्याय के संपर्क में आईं। अमरेन्द्र प्रसिद्ध क्रांतिकारी संगठन युगांतर पार्टी के प्रमुख नेता थे। इसके बाद ननिबाला देवी क्रांतिकारी संगठन में सम्मलित हो गईं। प्रथम विश्वयुद्ध के दिनों में वे भूमिगत क्रांतिकारियों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था करती रहीं।

बाहरी कड़ियाँ

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