प्रो. नयनजोत लाहिरी एक इतिहासकार और प्राचीन भारत के पुरातत्वविद् तथा अशोका यूनिवर्सिटी हरियाणा में इतिहास की व्याख्याता हैं।[1] इसके पूर्व वे दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग में कार्यरत थीं। उन्हें उनकी पुस्तक ‘अशोका इन एनसियंट इंडिया’ हेतु वर्ष 2016 का ‘जॉन एफ. रिचर्ड पुरस्कार’ प्रदान किये जाने की घोषणा की गयी। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष अमेरिकन हिस्टोरिकल एसोसिएशन द्वारा दक्षिण एशियाई इतिहास की सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों को दिया जाता है। इन्हें यह पुरस्कार 5 से 8 जनवरी, 2017 में आयोजित अमेरिकन हिस्टोरिकल एसोसिएशन की 131वीं वार्षिक बैठक में प्रदान किया जायेगा।[2] उन्हें पुरातत्व में उनके काम के लिए 2013 में इंफोसिस पुरस्कार प्रदान किया गया था।[3]

नयनजोत लाहिरी
आवास भारत
राष्ट्रीयता Indian
संस्थान Professor of History at Ashoka University
प्रसिद्धि Work in Archaeology

सन्दर्भ संपादित करें

  1. ट्रौट्मान, थॉमस (मई 2016). "Ashoka in Ancient India (book review)" [अशोका इन एनसियंट इंडिया(पुस्तक समीक्षा)] (अंग्रेज़ी में). एच नेट. मूल से 17 जून 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 अक्तूबर 2016.
  2. "अशोका यूनिवर्सिटी". www.ashoka.edu.in (अंग्रेज़ी में). मूल से 13 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 अक्तूबर 2016.
  3. "Prof. Nayanjot Lahiri" [नयनजोत लाहिरी] (अंग्रेज़ी में). इन्फोसिस साइंस फाउंडेशन. 2013. मूल से 15 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 अक्तूबर 2016.