नरसिंहगुप्त बालादित्य
गुप्तवंशी सम्राट नरसिंहगुप्त बालादित्य (470-535)
(नरसिंहगुप्त से अनुप्रेषित)
गुप्त राजवंश के सम्राट नरसिंहगुप्त बालादित्य थे। नालन्दा विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार की स्थापना सन 515 मे गुप्तवंश के सम्राट नरसिंहगुप्त बालादित्य ने किया था जो तेलहाड़ा (बिहार शरीफ) का निवासी था।
नरसिंहगुप्त बालादित्य बुद्धगुप्त का उत्तराधिकारी नरसिंहगुप्त बालादित्य हुआ। नरसिंहगुप्त बालादित्य का उत्तराधिकारी कुमारगुप्त तृतीय हुआ। नरसिंहगुप्त बालादित्य महायानी दार्शनिक वसुबंधु के प्रभाव में बौद्ध अनुयायी बन गया था।[1]
राजसी उपाधियाँ | ||
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पूर्वाधिकारी बुद्धगुप्त |
गुप्त सम्राट ४९५- ? |
उत्तराधिकारी कुमारगुप्त तृतीय |
सन्दर्भ
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- ↑ Singh, Upinder (2008). A History of Ancient and Early Medieval India: From the Stone Age to the 12th Century (अंग्रेज़ी में). Pearson Education India. पृ॰ 521. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-317-1120-0.