नवजीवन (इंडिया)
नेशनल हेराल्ड के प्रकाशकों ने १ नवंबर १९४७ को दैनिक नवजीवन का प्रकाशन शुरु किया। इससे पहले नवजीवन नाम से एक अखबार महात्मा गांधी निकालते थे, इसलिए दैनिक नवजीवन का प्रकाशन शुरु करने से पहले उनकी
नवजीवन | |
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प्रदानकर्त्ता |
महात्मा गाँधी जवाहरलाल नेहरू |
देश | भारत |
प्रथम सम्मानित | १९४७ |
जालस्थल | [1] |
अनुमति ली गयी, जिसे गांधी ने सहर्ष प्रदान कर दिया।[1]
अंग्रेजी अखबार नेशनल हेराल्ड और उर्दू अखबार कौमी आवाज की तर्ज पर ही दैनिक नवजीवन भी महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों और पंडित जवाहर लाल नेहरू के आधुनिक भारत के नजरिए को आम लोगों तक पहुंचाने के मकसद से शुरु किया गया। अखबार का उद्देश्य स्वतंत्रता आंदोलन के गांधी के मूल्यों, आधुनिक, जनतांत्रिक, इंसाफ-पसंद, उदारवादी और सामाजिक समरसता वाले राष्ट्र के निर्माण को गति देना था। दैनिक नवजीवन और उर्दू अखबार कौमी आवाज ने अपने प्रभावशाली तेवरों से एक ऐसा राष्ट्र बनाने की कोशिशों को आवाज दी जो विश्व शांति, वैज्ञानिक और तार्किक कसौटी पर खरा उतरने को कृतसंकल्प था।[2]
दैनिक नवजीवन का प्रकाशन दि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड कंपनी करती है और बदलते हालात और आधुनिक तकनीक के दौर में मजबूत डिजिटल उपस्थिति दर्ज कराने के लिए मल्टीमीडिया आउटलेट के साथ इसके डिजिटल और समाचार पत्र स्वरूप का फिर से प्रकाशन शुरु हुआ है। नवजीवन वेबसाइट की शुरूआत २८ अगस्त, २०१७ को हुई।[3]
दि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड ऐसी कंपनी है जो कंपनी से होने वाले किसी भी फायदे को अपने सदस्यों में नहीं बांटती है क्योंकि कंपनी का उद्देश्य मुनाफा कमाना नहीं, बल्कि पत्रकारिता के उच्च मापदंडों को अपनाते हुए आम लोगों के मुद्दों को सामने लाना है। नवजीवन की वेबसाइट पर सत्ता प्रतिष्ठान से कड़े सवाल पूछने वाले लेख प्रकाशित होते हैं माना जाता है कि जिसके लिए गाँधी परिवार को सत्ता प्रतिष्ठान की ओर से क़ानूनी हमलों का सामना करना पड़ता है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ https://www.patrika.com/lucknow-news/national-herald-navjeevan-and-quomi-awaz-to-be-publish-from-september-1387755/
- ↑ "National Herald, Navjivan to resume publication". मूल से 2 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 जुलाई 2018.
- ↑ AJL announces launch of website of Navjivan in Hindi