नवसाम्राज्यवाद
नव-उपनिवेशवाद (New Imperialism) से तात्पर्य 19वीं शताब्दी के अन्तिम भाग से लेकर 20वीं शताब्दी के आरम्भिक काल तक की अवधि से है जिस अवधि में यूरोपीय शक्तियों, यूएसए एवं जापान ने अपने उपनिवेशों का जमकर विस्तार किया। इस कालावधि में जितने भूभाग पर इन शक्तियों ने कब्जा जमाया, वैसा इसके पहले कभी नहीं हुआ था। यह वह काल था जब इन राष्ट्रों ने नयी प्रौद्योगिकीय उन्नति का लाभ उठाकर अपने अधिकार में नए-नए भूभागों को कर लिया। नव उपनिवेशकाल की विशेषता यह थी कि इस काल में 'साम्राज्य के लिये साम्राज्य' की धारणा अपूर्व रूप से बलवती हो गयी थी। इस काल में समुद्र पार दूसरे देशों के क्षेत्रों पर अधिकार करने की होड़ लग गयी थी। इसके साथ ही कुछ उपनिवेशकारी देशों द्वारा 'जातीय उच्चता' (racial superiority) का सिद्धान्त का प्रचार-प्रसार किया गया जिसका सारांश यह है कि 'पिछड़े लोग' स्वशासन के लिये उपयुक्त नहीं होते।
सन्दर्भ
संपादित करेंइन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- J.A. Hobson's Imperialism: A Study: A Centennial Retrospective by Professor Peter Cain
- Extensive information on the British Empire
- British Empire
- The Empire Strikes Out: The "New Imperialism" and Its Fatal Flaws by Ivan Eland, director of defense policy studies at the Cato Institute. (an article comparing contemporary defense policy with those of New Imperialism (1870-1914)
- The Martian Chronicles: History Behind the Chronicles New Imperialism 1870-1914
- 1- Coyne, Christopher J. and Steve Davies. "Empire: Public Goods and Bads" (Jan 2007)। [1]
- https://web.archive.org/web/20100109120927/http://www.fordham.edu/halsall/mod/modsbook34.html
- https://web.archive.org/web/20160303171022/http://www.columbia.edu/~lt95/altlect14.htm (a course syllabus)
- The 19th Century: The New Imperialism
- Marxism and The New Imperialism by Alex Callinicos, John Rees, Chris Harman, and Mike Haynes
- 2- Coyne, Christopher J. and Steve Davies. "Empire: Public Goods and Bads" (Jan 2007)। [2]